आयुर्वेद के विकास के आहवान के साथ मनाई धनवंतरी जयन्ती

हरिद्वार। देव संस्कृति विश्वविद्यालय स्थित फार्मेसी व शांतिकुंज के मुख्य सभागार में आयुर्वेद के प्रवर्तक भगवान धनवंतरी की जयंती आयुर्वेद के विकास में जुट जाने के आह्वान के साथ मनाई गई। इस अवसर पर फार्मेसी में हवन के साथ भगवान धनवंतरी की विधि विधान से पूजा की गई। इस अवसर पर गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या ने कहा कि धनवंतरी भगवान विष्णु के 13 वें अवतार हैं, दीर्घतपा के पुत्र व केतुमान के पिता हैं। वे देवताओं के वैद्य थे। कहा कि परमात्मा ने सर्वश्रेष्ठ मनुष्य काया दी है तो उसे प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रखकर निरंतर गतिशील रहना चाहिए। डॉ. ओपी शर्मा, डॉ. गायत्री शर्मा, डॉ. शिवानंद साहू, डॉ. वीसी नायक, डॉ. गोपीवल्लभ पाटीदार, डॉ. अलका मिश्रा, डॉ. वंदना श्रीवास्तव, डॉ. एसपी विश्नोई, डॉ. एके पांडेय आदि मौजूद रहे। वहीं, पर्यावरण संरक्षण को लेकर गायत्री विद्यापीठ के पांच सौ से अधिक बच्चों ने एक नई पहल की। विद्यापीठ के बच्चों ने पर्यावरण बचाने की मुहिम के साथ इको फ्रेंडली पर्व मनाने, पटाखे नहीं फोड़ने तथा एक-एक पौधा लगाने के संकल्प के साथ जनजागरण रैली निकाली। यह रैली विद्यापीठ से शुरू होकर हरिपुर कलां, सप्तसरोवर क्षेत्र होते हुए शांतिकुंज पहुंची। इससे पूर्व शांतिकुंज आने वाले श्रद्धालुओं को पारिवारिक स्नेह की अनुभूति कराने वाली शैल दीदी व डॉ. प्रणव पंड्या ने अखिल विश्व गायत्री परिजनों से इको फ्रेंडली दीपावली मनाने का आह्वान किया।