भागवत कथा ही व्यक्ति की मुक्ति का द्वार प्रशस्त करती हैः-प.पवन कृष्ण शास्त्री
हरिद्वार। अग्रसेन घाट पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन कथा व्यास भागवताचार्य पं. पवन कृष्ण शास्त्री ने कहा कि भागवत कथा ही व्यक्ति की मुक्ति का द्वार प्रशस्त करती है। जब भी व्यक्ति भगवान का श्रद्धापूर्वक स्मरण करता है। भगवान उसकी तत्काल सहायता करते हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति जीवन में आने वाली बाधाओं का वह स्वयं जिम्मेदार होता है जबकि भगवान को जीवन समर्पित करने वाले व्यक्ति को कभी बाधाओं का सामना नहीं करना पड़ता है जो भी दीन दुखी दीनानाथ के दरबार में दस्तक देता है। भगवान शीघ्र उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। गरीबदासी आश्रम के डाॅ. हरिहरानन्द महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने से ही हृदय की भूख मिटती है। जो मनुष्य सच्चे मन व सच्ची श्रद्धा से श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करता है उसे साक्षात भगवान कृष्ण के दर्शन हो जाते हैं। अपर मेला अधिकारी ललित नारायण मिश्रा ने व्यास पीठ की पूजा-अर्चना में भाग लिया। उन्हांेने कहा कि श्रीमद् भावगत कथा का आयोजन श्रद्धालु भक्तों के लिए अवश्य ही कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। गंगा के पावन तट पर किये गये धार्मिक अनुष्ठान अवश्य ही लाभकारी सिद्ध होते हैं। अध्यक्ष रामबाबू बंसल व महामंत्री विशाल गर्ग ने भागवत कथा के श्रवण में पहुंचे अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर विकास गर्ग, पार्थ अग्रवाल, पुनीत गोयल, विक्रम सिंह, मनोज अग्रवाल, विनोद गुप्ता, सुखबीर ढींढसा, अशोक गिरि, रामगोपाल गुप्ता, मनीष गर्ग, रामवतार गुप्ता, अरूण अग्रवाल, विकास गोयल, जितिन जैन, प्रदीप सहगल, दिवाकर भारद्वाज, दुष्यन्त गोयल, गोपाल शर्मा आदि सहित सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भक्तजन शामिल रहे।