मांगो को लेकर राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति ने प्रदर्शन कर दिया धरना

हरिद्वार। उत्तराखंड राज्य आन्दोलनकारी संघर्ष समिति ने मांगों को लेकर सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय पर सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन कर धरना दिया। समिति ने सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर शीघ्र मांगों का निराकरण करने की मांग की। शीघ्र मांगों का निराकरण नहीं करने पर आन्दोलन की चेतावनी दी। समिति ने नारेबाजी कर सरकार पर राज्य आन्दोलनकारियों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। समिति ने मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में प्रदेश की स्थाई राजधानी गैरसैण घोषित करने, राज्य आन्दोलनकारियों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने, वंचित राज्य आन्दोलनकारियों का चिन्हीकरण करने, सभी राज्य आन्दोलनकारियों को एक समान प्रतिमाह पांच हजार रुपए की पेंशन देने की मांग की। अध्यक्ष सतीश जोशी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य आन्दोलनकारियों की उपेक्षा कर रही है। उनकी मांगों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। राज्य आन्दोलनकारी लंबे समये अपनी पहचान चिन्हीकरण को तरस रहे हैं। सरकार पर्वतीय अंचलों से युवाओं का पलायन रोकने के लिए कोई प्रयास कर नहीं कर रही। रोजगार की तलाश में युवा भटक रहे हैं। युवाओं के पलायन से पर्वतीय गांव खाली हो गए हैं। सरकार पहाड़ों पर न तो शिक्षा और न ही चिकित्सा की व्यवस्था कर पाई है। सरकार पहाड़ों पर शराब की फैक्ट्रियां खोलकर विनाश कर रही है। मधु नौटियाल ने कहा कि पहाड़ों पर ग्रामीणों का खेती करना मुश्किल हो गया है। जंगली जानवर किसानों की खेती को तहस नहस कर रहे हैं। जिलाध्यक्ष जगत सिंह रावत, जेपपी बडोनी, सरिता पुरोहित ने पृथक राज्य गठन में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार की उदासीनता से महिलाएं चिन्हीकरण से वंचित हैं। हर्षप्रकाश काला ने कहा कि गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी बनाने के लिए संघर्ष तेज किया जाएगा। इस दौरान कमला बमोला, तेज सिंह रावत, एसएस रावत, देवेश्वरी गैरोला, बीपी काला, श्रीचंद्र बुटोला, गोपाल जोशी, शांति मनोड़ी, महाराज सिंह असवाल, भोपाल सिंह बिष्ट, केएन जोशी, डीके घिल्डियाल, शूरवीर सिंह राणा, सरोजनी जोशी, भूपेंद्र भट्ट, देवकी, पुष्पा, बिजेंद्र चमोली, विष्णु दत्त सेमवाल, मीरा रतूड़ी, जेपी बडाकोटी, केशवदेव सेमवाल, उर्मिला बडोनी, इंदु नौटियाल, हरीश मैठाणी, जेपी जुयाल, रणजीत सिंह रावत, एसएस रावत आदि उपस्थित रहे।