ब्रह्मलीन मोहनदास रामायणी को संतो ने दी श्रद्वांजलि
हरिद्वार। ब्रह्मलीन श्रीमहंत डा.मोहनदास रामायणी को सभी तेरह अखाड़ों के सानिध्य में संत समाज की और से भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। भूपतवाला स्थित श्री सीताराम धाम में भारत साधु समाज के जम्मू व पंजाब प्रांत के अध्यक्ष महामण्डलेश्वर स्वामी महादेव महाराज की अध्यक्षता में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन श्रीमहंत डा.मोहनदास रामायणी महान संत थे। जिन्होंने सदैव अपने जीवन काल में भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में अहम योगदान दिया। सभी को उनके दिखाए मार्ग चलते हुए सनातन धर्म के संरक्षण व संवर्धन में सहयोग प्रदान करना चाहिए। स्वामी ऋषिश्वरानन्द महाराज ने कहा कि देश की एकता अखण्डता बनाए रखने में संतों की अहम भूमिका है और ब्रह्मलीन श्रीमहंत डा.मोहनदास रामायणी महाराज त्याग और तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। जिन्होंने अपने तप व विद्वता के माध्यम से समाज को सदैव नई दिशा प्रदान की। महंत विष्णुदास महाराज ने कहा कि संतों का जीवन सदैव परोपकार को समर्पित रहता है। संतों के सानिध्य में ही व्यक्ति के उत्तम चरित्र का निर्माण होता है। महंत सूरजदास महाराज ने सभी संत महंतों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन गुरूदेव श्रीमहंत डा.मोहनदास रामायणी ने जीवन पर्यन्त मानव सेवा में समर्पित भावना से योगदान किया। संत समाज के आशीर्वाद से गुरूदेव के अधूरे कार्यो को आगे बढ़ाया जाएगा। गौ, गंगा व संत सेवा के प्रकल्प निंरतर जारी रहेंगे। श्रद्धांजलि समारोह में स्वामी ऋषि रामकृष्ण, स्वामी जगदीशानंद, स्वामी चिदविलासानंद, महंत कमलदास, महंत सुमित दास, महंत शिवानंद, स्वामी कृष्णानंद, महंत सच्चिदानंद, महंत अरूणदास, स्वामी केशवानंद, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेशदास, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी ज्ञानानंद, भक्त दुर्गादास, मनोज महंत, महंत गोपाल कृष्ण शास्त्री, विजेंद्र वर्मा, किशन गर्ग, रतनलाल गर्ग, पे्रमचंद गोयल, महेश गोयल, राजेंद्र वर्मा आदि उपस्थित रहे।