गुरू गोविन्द सिंह के 553वें प्रकाशोत्सव पर शबद कीर्तन का आयोजन
हरिद्वार। गुरू गोविंद सिंह के 553वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में शबद कीर्तन व अखण्ड पाठ का आयोजन किया गया। गरीब असहाय निर्धन लोगों को कंबल व फल वितरित किए गए। कार्यक्रम में श्रद्धालु संगत को संबोधित करते हुए कोठारी महंत जसविन्द्र सिंह महाराज ने कहा कि गुरू गोविन्द सिंह जहां विश्व की बलिदानी परम्परा में अद्वितीय थे। वहीं वे स्वयं महान लेखक, मौलिक चिंतक थे। उन्होंने सदैव प्रेम एकता व भाईचारे का संदेश दिया और धर्म के लिए उनके समस्त परिवार ने बलिदान दिया। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान सदैव ऐतिहासिक रहेगा। मंहत अमनदीप सिंह महाराज ने कहा कि इतिहास में गुरू गोविन्द सिंह एक विलक्षण क्रांतिकारी संत व्यक्तित्व हैं। गुरू गोविन्द सिंह महाराज ने समूचे राष्ट्र के उत्थान के लिए संघर्ष के साथ-साथ निर्माण का रास्ता अपनाया। वे केवल सिक्ख धर्म के ही नही बल्कि पूरी मानवता के प्रेरणास्रोत हैं। महंत खेमसिंह महाराज ने कहा कि गुरू गोविन्द सिंह एक महान कर्म प्रणेता, अद्वितीय धर्मरक्षक के साथ ही वीर योद्धा भी थे। संत रोहित सिंह व संत विष्णु सिंह ने बताया कि गुरू गोविन्द सिंह महाराज का 553वां अवतरण दिवस पर उनके अवतरण स्थल पटना साहिब में गुरूद्वारा बाल लीला मैनीसंगत में भव्य रूप से मनाया जाएगा। जहां उन्होंने बाल लीला की थी और बचपन से ही धर्म की शिक्षा समाज को दी थी। इस अवसर पर महंत सतनाम सिंह, महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री, संत रामस्वरूप सिंह, संत सुखमन सिंह, संत जसकरण सिंह, संत तलविन्दर सिंह, संत सुरजीत सिंह, संत जरनैल सिंह, संत रोहित सिंह, महंत गुरूभक्त सिंह, महंत मलकीत सिंह आदि उपस्थित रहे।