कपकपातजी ठंड से लोग ठिठुरने पर मजबूर,ले रहे अलाव का सहारा

हरिद्वार। तीर्थनगरी में पिछले कई दिनों से कपकपातजी ठंड ने लोगों को ठिठुरने पर मजबूर कर दिया है। कुछ दिनों से कोहरे ने शहर के साथ साथ देहात को अपनी चपेट में ले रखा है। पूरा दिन सूर्यदेव के दर्शन नहीं होने से लोगों की कंपकंपी छूट रही है। अगला दिन बेहतर होने की उम्मीद में लोग अलाव का सहारा लेकर कंपकपी से मुकाबला कर रहे है। उम्मीद के उलट सोमवार को सीजन का सबसे अधिक कोहरा और ठंडा दिन रहा। पूरे दिन धर्मनगरी कोहरे की चादर से ढकी रही। हाईवे और अंदरुनी मार्गों पर घना कोहरा होने से वाहन सवार दिन में लाइटें जलाकर कम रफ्तार के साथ निकलते रहे। जबकि कोहरे से ट्रेन और बसों के आवागमान पर भी बुरा असर पड़ा। घने कोहरे और कड़ाके की ठंड से बढ़ी ठिठुरन ने लोगों को घरों में कैद रहने को मजबूर कर दिया। यूं तो धर्मनगरी बीते चार दिनों से कोहरे की चपेट में है। लेकिन सोमवार को सबसे अधिक कोहरा देखने को मिला। रविवार को दिन में कुछ समय धूप निकली। लेकिन उसके बाद फिर कोहरा छा गया। जिसके बाद रात से ही कोहरा कम नहीं हुआ। भीषण ठण्ड के चलते जनजीवन अत्यधिक रूप से प्रभावित हुआ है। कोहरे व सर्द हवाओं के चलते लोग बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। ठण्ड को देखते हुए अधिकांश स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। रेलवे स्टेशन व बस अड्डे पर सन्नाटा पसरा हुआ है। बाजारों में दुकानदार अलाव जलाकर सर्दी भगाने का प्रयास कर रहे हैं। हरिद्वार आने वाले यात्रीयों की संख्या बेहद घट गयी है। केवल अस्थि प्रवाह आदि जरूरी कर्मकाण्ड के लिए ही यात्री हरिद्वार पहंुच रहे हैं। सोमवार की सुबह कोहरा और ज्यादा बढ़ गया। हाईवे पर कोहरे से अंधेरा पसर रहा। जिस वजह से ट्रक, बस, कार, बाइक सवार लाइटें जलाकर कम रफ्तार के साथ आते-जाते रहे। शीतलहर चलने से लोग घरों में कैद रहे। जिससे ज्वालापुर के कटहरा बाजार, चैक बाजार, अंसारी मार्केट और चंद्राचार्य चैक, पुरानी रानीपुर मोड़, कनखल चैक बाजार, मोती बाजार आदि जगहों पर सन्नाटा पसरा दिखाई दिया।घने कोहरे से बसों की रफ्तार पर लग रहा ब्रेकघने कोहरे के कारण उत्तराखंड परिवहन निगम समेत अन्य प्रदेशों की रोडवेज बसों पर भी ब्रेक लग गया है। रुपैड़िया, दिल्ली, मुरादाबाद समेत अन्य लंबे रूटों की बसें डेढ़ से दो घंटे की देरी से पहुंच रही हैं। एजीएम प्रतीक जैन ने बताया कि कोहरे के चलते बसों का शेड्यूल प्रभावित हो रहा है।