वंसत पर्व पर गुकाविवि में कुलपति ने ओउम का ध्वजारोहण

हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रूप किशोर शास्त्री ने बुधवार को वसंत पर्व पर विश्वविद्यालय परिसर में ओउम का ध्वजारोहण किया। उसके पश्चात कुलपतिऔर उनकी पत्नी संतोष की अध्यक्षता में कांगड़ी गांव के समीप वैदिक यज्ञ कर पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। प्रो. शास्त्री ने ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद ने अपने त्याग और कठोर परिश्रम से इस पावनभूमि पर भव्य इमारत का निर्माण कराया था। आज यहां आकर यज्ञ कर उनके पुनीत कार्यों का स्मरण कर हमें स्वयं नवीन कार्य को करने की ऊर्जा प्राप्त हो रही है। इस राष्ट्रीय धरोहर को वैदिक और यौगिक विषयों से जोड़ने का कार्य शुरू किया जायेगा जिससे लोगों का परस्पर यहां आगमन शुरू हो सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ सत्यपाल सिंह पुण्यभूमि को लेकर बड़ी योजना बना रहे हैं। जिसका आगामी वर्षों में यहां पर कोई नवीन योजना का क्रियान्वयन किया सकता है। वैसे तो भारत सरकार ने महात्मा गांधी को बृहद योजना तैयार की है जहां पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी देश की आजादी के दौरान महत्वपूर्ण स्थानों पर गए थे उन स्थानों को राष्ट्रीय धरोहर के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह वही स्थल है जहां पर मैकाले शिक्षा प्रणाली के खिलाफ अलख जगाने वाले अमर हुतात्मा स्वामी श्रद्धानंद ने गांधीजी को महात्मा की उपाधि से अंलकृत किया था इसलिए इस स्थान का महत्व और बढ़ जाता है।विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रो. सोमदेव शतांशु कहा कि पुण्यभूमि पर प्रत्येक बसन्त पंचमी के अवसर पर पुरातन छात्रों और सेवानिवृत्त शिक्षकों का समागम होना चाहिए और उन सभी के अनुभवों को सांझा करना चाहिए। उन सभी के अनुभवों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित करें। जिससे हमारे पास पुण्यभूमि से संबंधित नया दस्तावेज तैयार हो सकेगा। प्रो. प्रभात कुमार ने कहा कि विश्व विद्यालय प्रशासन को प्राचीन गुरूकुल और वर्तमान गुरूकुल के मध्य यातायात का समन्वय स्थापित करना चाहिए। पुण्यभूमि तक पहुंचने तक सेतु का निर्माण होना चाहिए। यह काम बहुत जरूरी है कि पूण्यभूमि तक आम आदमी को पहुंचने के लिए गंगा पर पुल का निर्माण होना चाहिए। इस अवसर प्रो सत्यदेव निगमालंकार, प्रो. एलपी पुरोहित, प्रो प्रभात कुमार, डॉ अजय मलिक, डॉ श्वेतांक आर्य, डॉ दिलीप कुशाह, डॉ राजुल भारद्वाज, डॉ पंकज पाल, डॉ सत्येंद्र सिंह, करतार सिंह, राजीव त्यागी, अरविंद कुमार, सुभाष, विकास राणा, सुनील और रंजीत शर्मा आदि उपस्थित थे।