मांगो को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन

हरिद्वार। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने सरकार के खिलाफ सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय परिसर में प्रदर्शन कर धरना दिया। मुख्यमंत्री पर उपेक्षा का आरोप लगाया। आंदोलनकारियों ने एक ज्ञापन सीएम को भेजा। ज्ञापन में जल्द मांगें पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई है। समिति के अध्यक्ष सतीश जोशी ने कहा कि सरकार का ध्यान शराब की फैक्ट्री लगवाने और राज्य के युवाओं को रोजगार देने के बजाय शराब सस्ती करने में है। सरकार ऐसा करके युवाओं का भविष्य खराब कर रही है। उन्होंने कहा कि अगर नशे के कारोबार पर अंकुश नहीं लगाया गया तो राज्य बर्बाद हो जाएगा। जिलाध्यक्ष जगत सिंह रावत ने कहा कि एक तरफ सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने की बात करती है। दूसरी तरफ किराये में वृद्धि कर पर्यटकों की जेब पर बोझ डालने का काम कर रही है। जिला महामंत्री गोपाल जोशी ने सरकार की ओर से पलायन रोकने के झूठे वादे की आलोचना की। सरिता पुरोहित ने कहा कि सभी वंचित राज्य आंदोलनकारियों का जल्द चिन्हीकरण किया जाए। मीरा रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखंड में लगाए गए उद्योगों में 70 फीसदी स्थानीय युवाओं को रोजगार दिया जाना चाहिए। ख्यात सिंह रावत ने कहा कि गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर प्रकरण में सरकार को अपना दखल देना चाहिए। इस दौरान सरोज ममगाईं, विमला बलूनी, कमला पुरोहित, सुशीला पांडे, मधु नौटियाल, सुमन चैहान, विजय जोशी, लक्ष्मी नेगी, विमला रावत, सुरेंद्र मलासी, अंजू उप्रेती, पुष्पा चैहान आदि शामिल रहे।