स्टोन क्रेशरों की जांच में टीम का सहयोग नही करने पर कारवाई की चेतावनी
हरिद्वार। उत्तराखण्ड शासन औद्योगिक विकास (खनन) अनुभाग-1 के कार्यालय ज्ञाप द्वारा जनहित याचिका संख्या 212, त्रिलोक चन्द बनाम उत्तराखण्ड शासन एवं अन्य में मा0 उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड नैनीताल द्वारा 18 फरवरी 2020 को पारित आदेश के अनुपालन में जनपद हरिद्वार में स्थापित स्टोन क्रेशर व स्क्रीनिंग प्लान्टस के मानकों की जांच, अवैध खनन/भण्डारण व वर्तमान स्थिति ज्ञात करने हेतु जांच दलों का गठन किया गया है, जिसके अनुपालन में जांच दलों द्वारा जनपद हरिद्वार स्थित समस्त स्टोन क्रेशर/स्क्रीनिंग प्लान्ट्स की जांच का कार्य गतिमान है लेकिन जांच दलों द्वारा संज्ञान में लाया जा रहा है कि कतिमप स्टोन क्रेशर स्वामियों द्वारा अपने स्टोर क्रेशर पर ताला लगाकर जांच दलों को जांच में आवश्यक सहयोग प्राप्त नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में जिलाधिकारी सी0 रविशंकर ने जनपद स्थित सभी स्टोन क्रेशर/स्क्रीनिंग प्लान्टस स्वामियों अवगत कराते हुए आदेश दियें हैं कि जांच की कार्यवाही उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड नैनीताल द्वारा पारित आदेशों के अनुपालन में की जा रही है, इसलिए यदि किसी स्टोन क्रेशर स्वामियों द्वारा जांच दलों को जांच में आवश्यक सहयोग प्रदान नहीं किया जाता है अथवा किसी प्रकार की बाधा पहुंचायी जाती है, तो उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना होगी और किसी भी प्रकार की हानि अथवा प्रतिकूलता के लिए स्टोन क्रेशर स्वामी स्वयं जिम्मेदार होंगे, प्रशासन की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। जिलाधिकारी ने समस्त स्टोन क्रेशर स्वामियों से जांच में सहयोग की अपेक्षा की है।