अपने अपने घर को जाने के लिए बेताब लोग भटकते रहे दिनभर

हरिद्वार। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा लाॅक डाउन किये जाने के छठे दिन सड़को पर सन्नाटा रहा,लेकिन अभी भी अपने अपने घरों को लौटने वाले लोग दिनभर भटकते रहे। शुक्रवार को शहर के मध्य जिला पर्यअन कार्यालय में वापसी करने वालों का पंजीकरण हुआ,लेकिन जिला प्रशासन की ओर से पंजीकरण केन्द्र रोशनाबाद कर दिये जाने के बाद बस अडड्ा और रेलवे स्टेशन के आस-पास काफी संख्या में शनिवार को भी कई लोग भटकते मिले। लाॅकडाउन के चलते धर्मनगरी में शनिवार को जनजीवन ठहरा सा रहा। दोपहर एक बजे के बाद सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। सवेरे सात बजे दुकानें खुलने के बाद लोग सामान लेने के लिए जरूर बाहर निकले। लेकिन एक बजे दुकानें खोले जाने का समय समाप्त होते ही सड़कों पर निकले लोगों को पुलिस प्रशासन ने वापस घरों को भेजना शुरू कर दिया। इसके कुछ ही देर बाद सड़कों पर पूरी तरह सन्नाटा पसर गया। हालांकि शहर में फंसे बाहरी लोग अपने घरों को जाने की जुगत में यहां वहां भटकते देखे गए। बाहरी राज्यों के लोगों को उनके घर भेजने के लिए दो दिन तक राही होटल स्थित पर्यटन कार्यालय से पास जारी किए गए। लेकिन शुक्रवार शाम से पर्यटन कार्यालय से पास जारी किए जाने की व्यवस्था समाप्त कर अब रोशनाबाद स्थित कलेक्ट्रेट से पास जारी किए जा रहे हैं। इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग पास बनवाने के लिए सवेरे से ही पर्यटन कार्यालय पहुंच गए। लोगों की भारी भीड़ जुटने पर पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर बाकायदा लाऊडस्पीकर से लोगों को दूसरे राज्यों में जाने के लिए पास कलेक्ट्रट में बनाए जाने की जानकारी दी गयी। इसके बावजूद लोग यहां वहां भटकते रहे। कई लोग पास ही स्थित सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय भी पहुंचे। दूसरे राज्यों के अलावा औद्योगिक इकाईयों में काम करने वाले उत्तराखण्ड के काफी लोग भी पास बनवाने के लिए भटकते रहे। झारखण्ड के अतुल कुमार, उत्तराखण्ड के श्रीनगर निवासी देवेंद्र ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली थी कि पर्यटन कार्यालय में पास बनाए जा रहे हैं। लेकिन वहां कोई नहीं मिला। अब कहा जा रहा है कि पास बनवाने के लिए रोशनाबाद जाना होगा। लेकिन रोशनाबाद शहर से बहुत दूर है और कोई वाहन भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में समझ नहीं आ रहा है कि क्या करें। ऐसी ही स्थिति में फंसे हरिद्वार की औद्योगिक इकाईयों में काम करने वाले कई श्रमिकों ने बताया कि काम बंद होने के बाद अब उनके पास घर जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। यदि कोरोना संकट लंबा चला तो उनके लिए भारी परेशानी हो जाएगी। ऐसे में घर लौटना ही बेहतर है। लेकिन घर जाने के लिए कोई साधन नहीं मिल रहा है।