लाॅकडाउन के दौरान कारोबार बंद होने से आर्थिक परेशानियों से जूझने लगे होटलकारोबारी

हरिद्वार। कोरोना वायरस के चलते पंचपुरी में होटल व्यवसायियों के साथ साथ लीज पर लिए गए होटल कारोबारी मानसिक व आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। कारोबारियों में निराशा का भाव फैला हुआ है। धर्मनगरी में लाॅकडाउन के चलते सन्नाटा फैला हुआ है। हरकी पैड़ी सहित विभिन्न होटल लीज पर कारोबारियों द्वारा लिए जाते हैं। बड़ी रकम देकर अच्छा मुनाफा कमाने के उद्देश्य से कारोबारी होटल लीज पर ले लेते हैं। जबकि लीज पर होटल लेने वालों में अधिकांश होटल स्वामियों को एडवांस भी देते हैं। लीज पर होटलों का कारोबार कर रहे व्यवसायी कमल खड़का ने कहा कि लाॅकडाउन के चलते होटल यात्रियों से खाली हैं। महाकुंभ मेले को दृष्टिगत रखते हुए लीज पर होटल लिए गए थे। बैंकों से कर्जा लेकर लीज पर कई कारोबारियों द्वारा होटल को संचालित करने का काम किया गया था। लेकिन लाॅकडाउन के चलते होटल नहीं खुल पा रहे हैं। कमल खड़का ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि लीज होटल स्वामियों को राहत देने के लिए सरकार को तीन तीन महीने का बिजली पानी का बिल माफ करना चाहिए था। साथ ही लीज पर होटल चलाने वाले व्यवसायियों से इस समय अवधि का कोई किराया ना लें। कारोबार बुंरी तरह से प्रभावित है। सरकार को ऐसे व्यवसायियों की सुध लेनी चाहिए। जोकि लीज पर होटल लेकर कमाने के चक्कर में अपना भी गंवा बैठे हैं। लाॅकडाउन का पालन सभी को करना होगा। सरकार के दिशा निर्देशों का पालन भी लीज होटल कारोबारी कर रहे हैं। लेकिन बंदी के चलते सभी परेशान हैं। यात्री अब होटलों पर लाॅकडाउन के चलते नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में सरकार को लीज होटल कारोबारियों को कुछ ना कुछ राहत अवश्य देनी चाहिए। कमल खड़का ने यह भी कहा कि बड़ी संख्या में लीज पर होटल लेकर कारोबारी अपने कामों को वर्षो से करते चले आ रहे हैं। लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते कारोबार प्रभावित होने से लीज कारोबारी आर्थिक मानसिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। होटलों पर ताले लटके हुए हैं। लेकिन सभी पर बकाया बढ़ रहा है। क्योंकि कारोबार नहीं होने की सूरत में लीज कारोबारी बुरी तरह से प्रभावित हैं। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को लीज पर होटल चलाने वाले कारोबारियों को आर्थिक पैकेज देना चाहिए। जिससे वह अपने परिवारों का गुजर बसर भी कर सकें।