मण्डी के व्यापारियों को भी अनुदान देने की मांग
हरिद्वार। कोरोना वायरस की इस जंग में लॉकडाउन के दौरान थोक भाव मे मंडी से लाकर आम उपभोक्ताओं व जनता तक फ्रूट- सब्जी उपलब्ध करा रहे सैकड़ों व्यापारी एक सप्ताह के इस लॉकडाउन में 50-50, 60-60 हजार के नुकसान व कर्जे में आने से चिंतित है। व्यापारियों के प्रतिनिधियों ने वरिष्ठ व्यापारी मुकेश कोठियाल की अगुवाई में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व जिला प्रशासन से मांग की कि सरकार की और से हर वर्ग को इस महामारी अंतरराष्ट्रीय आपदा के दौरान हर संभव मदद दी जा रही है। उसी के दृष्टिगत मंडियों में पंजीकृत फूटकर लाइसेंस धारक व्यापारियों की पीड़ा को समझकर उनकी समस्या का निदान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमूमन मंडी के दरों पर फूटकर फ्रूट सब्जी आलू होलसेल भाव से 40 फीसदी की गिरावट पर आम उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराना पड़ रहा है। लॉकडाउन में हमारी कमर आर्थिक रूप से टूटती जा रही है यदि सरकार ने इस और ध्यान नही दिया तो आगे व्यापार चलाना संभव नही है। इस अवसर पर हरिकृष्ण ने कहा आज भी मंडी में जिला अधिकारी के निर्देशन में 1000 रुपए की आलू की बोरी की लिस्ट बनाई लेकिन बिक्री 1300-1400 तक करी गयी जोकि औचित्य पूर्ण नही है। मंडी प्रशासन इस पर अंकुश लगाने में नाकाम व फेलियर साबित हो रहा है। भाजपा नेता संजय चोपड़ा ने कहा कृषि उत्पादन मंडी समिति नियमावली के अनुसार मंडी समितियों में श्रेयस विकास का पैसा कृषको व फूटकर फ्रूट सब्जी के विक्रेताओ के लिए अनुदान राशि के रूप में सभी मंडी समिति में पंजीकृत फूटकर लाइसेंस धारक व्यापारियों को 3-3 लाख का अनुदान देकर फूटकर फ्रूट सब्जी व्यापारियों की व्यवस्था का सुचार किया जा सकता है। साथ ही मण्डी के दुकानो की 3 महीनों के मंडी समिति द्वारा लिया जा रहा किराया इस कोरोना वायरस की महामारी के दृष्टिगत माफ किया जाना चाहिए।