बाबा कामराज की 323वीं जयंती पर अनुष्ठान का आयोजन
हरिद्वार। श्री दक्षिण काली मंदिर पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि बाबा कामराज एक सिद्ध महापुरूष थे। बाबा कामराज की 323वीं जयंती पर मंदिर में आयोजित अनुष्ठान के दौरान स्वामी कैलाशानंद महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म में गुरू का स्थान सर्वोच्च है। गुरू ही शिष्य की उन्नति व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। समाज को अनेक सिद्ध साधक देने वाले बाबा कामराज एक श्रेष्ठ गुरू थे। आदि अनादि काल से भारत में चली आ रही गुरू शिष्य परंपरा को के अंतर्गत बाबा कामराज ने बाबा तोतापुरी महाराज, स्वामी रामकृष्ण परमहंस, वामाखेपा महाराज, बाबा नागपाल, स्वामी दतियावाले महाराज, आल्हा जैसे अनेक सिद्धपुरूषों को दीक्षित किया। अनेक सिद्धियों के ज्ञाता बाबा कामराज पर मां काली की असीम अनुकंपा थी। मां काली की प्रेरणा से उन्होंने श्री दक्षिण काली मंदिर की स्थापना की। मंदिर में आने वाले प्रत्येक भक्त को मां दक्षिण काली के साथ बाबा कामराज की कृपा व आशीर्वाद प्राप्त होता है। स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि श्रद्धालु भक्तों को अपने घरों में रहकर सच्चे मन से पूजा अर्चना करनी चाहिए। मां काली की कृपा से अवश्य ही देश दुनिया से कोरोना मुक्त होगा। उन्होंने कहा कि मां की शक्तियां अपरंपार हैं। मां श्रद्धावान भक्त को अवश्य ही फल देती है। सच्चे मन से की गयी प्रार्थनाएं मां के दरबार में पूरी होती हैं। देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु मां दक्षिण काली मंदिर पहंुचकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रत्येक नागरिक को जागरूक होकर कोरोना संक्रमण को दूर भगाने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना चाहिए। इस दौरान स्वामी राधाकांताचार्य, स्वामी अनुरागी महाराज, स्वामी लालबाबा, आचार्य पवनदत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पांडे, पंडित शिवकुमार शर्मा, अंकुश शुक्ला आदि मौजूद रहे।