शांतिकुन्ज प्रमुख के मामले में दिल्ली पहुचकर पीड़िता के बयान दर्ज किए

हरिद्वार। शांतिकुंज प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या पर लगे दुष्कर्म के कथित आरोप के मामले में हरिद्वार पुलिस की ओर से बनाई गई मामले की जांच अधिकारी ने दिल्ली पहुचकर पीड़िता के बयान दर्ज किए। हालंकि इस प्रकरण में एक सप्ताह ही पूर्व शांतिकुंज प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने रोक दी है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ निवासी युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए शांतिकुंज प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या, उनकी पत्नी शैलबाला के खिलाफ दिल्ली में 5 मई को जीरो एफआईआर दर्ज कराई थी। चार दिन बाद यह एफआईआर हरिद्वार ट्रांसफर हुई थी। हरिद्वार पुलिस के मुताबिक दर्ज मुकदमे में आरोप था कि वर्ष 2010 में पीड़िता के साथ शांतिकुंज में दुष्कर्म किया गया। जब दुष्कर्म हुआ तब वह नाबालिग थी। इसकी शिकायत उन्होंने डॉ. प्रणव पण्ड्या की पत्नी शैलबाला से भी की थी। आरोप था कि शैलबाला ने उसकी कोई मदद नहीं की और उल्टा उसको डांट-फटकार दिया था। हरिद्वार एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने मामले की जांच महिला हेल्प लाइन की प्रभारी मीना आर्या को सौंपी थी। जबकि इस मामले के सुपरविजन के लिए सीओ सदर डॉ. पूर्णिमा गर्ग और सहयोग के लिए अनुभवी इंस्पेक्टर योगेश देव को नामित किया था। जांच अधिकारी के पास मुकदमे से संबंधित दस्तावेज आने के बाद गुरुवार को मीना आर्या ने दिल्ली मे रह रही पीड़िता के पास पहुंचकर उसके बयान दर्ज किए। जांच अधिकारी के साथ दो और पुलिसकर्मी हरिद्वार से गए थे। हरिद्वार पुलिस गुरुवार को दिल्ली से हरिद्वार के लिए रवाना हो चुकी है।