हजरत पैंगंबर मोैहम्मद साहव का यौम से विलादत अकीदत व सादकी से मनाई गई

हरिद्वार। हजरत पैगंबर मोहम्मद साहब का यौम-ए-विलादत (जन्म दिवस) जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी अकीदत, सादगी और एतराम के साथ मनाई गई। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार धूमधाम से जुलूस-ए-मोहम्मदी नहीं निकाला जा सका। केवल सादगी पूर्ण तरीके से कुछ लोगों ने ही चादर दरगाह पर पेश की। इस दौरान पैगंबर साहब की शान में अकीदतमंदों ने सरकार की आमद मरहबा, मुख्तार की आमद मरहबा, पत्ती-पत्ती, फूल-फूल, या रसूल, या रसूल, मुस्तफा जाने रहमत पर लाखों सलाम आदि नारे लगाए। शुक्रवार को अंजुमन गुलामाने मुस्तफा सोसायटी के पदाधिकारियों ने मंडी का कुआं स्थित दरगाह रोशन अली शाह रह. पर पहले चादरपोशी कर दुआएं मांगी। इसके बाद वहां से हाईवे स्थित कन्या गुरुकुल परिसर के पास घड़ी वाले पीर बाबा के नाम से मशहूर हजरत आमीर अली शाह रह. की दरगाह पर चादर पेश कर फातिहाख्वानी की गई। हाफिज अब्दुल वाहिद साहब ने मुल्क में अमन-चैन और कोरोना से निजात दुआ कराई। अंजुमन गुलमाने मुस्तफा सोसायटी के संरक्षक हाजी नईम कुरैशी व सदर हाजी शफी खान ने कहा कि पैगंबर साहब ने इंसानियत को रोशनी दी। अपने नूर से पूरी दुनिया को मुनव्वर कर दिया। मोहम्मद साहब ने पूरी दुनिया को अमन का पैगाम दिया। हम सबको को उनके बताए रास्तों पर चलना चाहिए। नायब सदर हाजी अनीस खान व सचिव शादाब कुरैशी ने बताया कि इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक मोहम्मद साहब का जन्म रबी-उल-अव्वल महीने की 12वीं तारीख को हुआ था। उनकी आमद इस्लामी हिजरी सन के रबी उल महीने की 12 तारीख को हुई थी। उन्होंने 12 तारीख को ही दुनिया से पर्दा लिया था। उन्होंने बताया कि इस बार कोरोना संक्रमण के चलते सादगी पूर्ण तरीके से जश्ने ईद मिलादुन्नबी मनाई गई। जश्न-ईद-मिलादुन्नबी और उर्स-ए- हजरत मखदूम साबिर पाक की खुशी में लोगों ने अपने घरों को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया। शाम को घरों में मोमबत्ती और चिराग जलाकर रोशनी की। नगर निगम की ओर से ज्वालापुर क्षेत्र के कई इलाकों में त्योहार को देखते हुए साफ सफाई दुरुस्त रखी गई। सुबह ही गली मोहल्लों में चूने का छिड़काव भी कर दिया गया था। इस दौरान हाजी इरफान अंसारी, हाजी रफी खान, गुलजार अंसारी आदि शामिल रहे।