यूनियनों की ओर से भेल प्रबंधन व केंद्र सरकार को मांग पत्र भी जारी


हरिद्वार। केन्द्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियो के खिलाफ विभिन्न टेªड यूनियनों की ओर से आहूत देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में भेल की मजदूर यूनियनो इंटक (हीप व सीएफएफपी), एटक (हीप व सीएफएफपी), एचएमएस (हीप व सीएफएफपी), सीटू, बीएमटीयू, बीकेयूएम, बीकेकेएमएस ने समर्थन करते हुए फाउण्ड्री गेट पर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान यूनियनो पदाधिकारियो ने भेल प्रबन्धन एवं केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करके विरोध जताया। इस दौरान श्रमिक नेताओं ने कहा कि 44 श्रम कानूनों को बदलकर के 4 श्रम संहिताओं में बदला गया है। इसका तात्पर्य यह नहीं है कि ये मजदूरों के पक्ष में है? मजदूर विरोधी संहिताओं में मजदूरों के लगभग सारे ही अधिकार जैसे हड़ताल करने, ट्रेड यूनियन बनाने और अपने हक में सौदेबाजी करने के अधिकार को छीन लिया गया है। भेल बचाओ संयुक्त संघर्ष मोर्चा एवं इंकलाबी मजदूर केंद्र चाहता है कि विरोधी नीतियों के विरुद्ध एक सशक्त मजदूर आंदोलन खड़ा हो। इस दौरान यूनियनों की ओर से भेल प्रबंधन व केंद्र सरकार को मांग पत्र भी जारी किया गया। जिसमें वेतन मे की जा रही कटौती को बन्द कर एरियर भुगतान। बोनस, एसआईपी एवं पीपीपी का जल्द भुगतान। कैन्टीन एवं ट्रांसपोर्ट सब्सिडी खत्म करने के प्रस्ताव को निरस्त करने। केन्द्रीयकृत इंसेटिव स्कीम, 1 करोड का टर्म इंश्योरेंस, लैपटाँप प्रतिपूर्ति बहाल करने। पे-अनामली को दूर करने। सार्वजनिक क्षेत्र के विनिवेशीकरण व निजीकरण पर रोक। मजदूर विरोधी श्रम कानूनों को समाप्त। समय से पूर्व सेवानिवृति के उत्पीडनमय आदेश की वापसी। सार्वजनिक क्षेत्र की परिसंपत्तियो के मोनेटाईजेशन पर रोक। केन्द्र एवं राज्य सरकारो मे रिक्त पदो पर शीघ्र भर्ती। बोनस एवं प्रोविडेन्ट फण्ड की अदायिगी पर बाध्यता सीमा हटाने। सभी के लिये पेंशन तथा ईपीएस पेंशन मे सुधार। न्यूनतम वेतन 21000 करने संबंधी मांगे शामिल हैं। राजबीर सिंह चैहान ने कहा कि पूंजीपतियों के हित साधने में लगी केंद्र सरकार को आम आदमी, मजदूरों, किसानों से कोई लेना देना नहीं रह गया है। सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है। श्रमकानूनों में परिवर्तन कर मजदूरों को बंधुआ बनाने की तैयारी की जा रही है। सरकार की इन नीतियों का डटकर विरोध किया जाएगा। इस दौरान इंटक (हीप) के महामंत्री राजबीर सिंह, एचएमएस (हीप) के उपाध्यक्ष प्रेमचंद सिमरा, एटक (हीप) के महामंत्री सन्दीप चैधरी, एटक के केन्द्रीय नेता एवं सीएफएफपी के अध्यक्ष ए.के. दास, बीएमटीयू के महामंत्री अवधेश कुमार, सीटू के महामंत्री के.एस.गुसाई, बीयूकेएम के अध्यक्ष रितेश सिंहल,  इंटक (सीएफएफपी) के महामंत्री के.पी. सिंह, एटक, (सीएफएफपी) के कार्यकारी अध्यक्ष आईडी पन्त, एटक (हीप) के अध्यक्ष मनमोहन कुमार, एचएमएस के राधेश्याम सिंह, सीटू के सुरेन्द्र कुमार, बीएमटीयू के कार्यकारी अध्यक्ष नीशू कुमार, रविप्रताप राय, सचिन चैहान, अश्वनी चैहान, नईम खान, इम्तियाज, सुनील कुमार, अजीत सिंह, दीपक कुमार, सुनील कुमार, पवन कुमार आदि शामिल रहे। सीआईटीयू जिला कमेटी ने हड़ताल का समर्थन करते हुए गुरुवार को भेल से भगत सिंह चैक तक रैली निकाली और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान हुई बैठक में सीटू नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए मनमाने निर्णय ले रही है। मजदूर और किसानों के खिलाफ कानून बनाए जा रहे है। रोजगार के साधन समाप्त कर दिए गए हैं। देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। धर्म के नाम पर देश को बांटने का काम किया जा रहा है। बैठक की अध्यक्षता सीटू जिलाध्यक्ष पीडी बलोनी और संचालन आरपी जखमोला द्वारा किया गया। प्रदर्शन करने वालों में अमरीश, गौरव धीमान, इमरत सिंह, वीरेंद्र सिंह, संजीव कुमार, अशोक चैधरी, राजकुमार, विनोद कुमार, कयूम खान, डीपी रतूड़ी, कृष्णपाल, आदेश, मोहन, कदम सिंह आदि शामिल रहे।