संतों ने सुनी पीएम के मन की बात, प्रधानमंत्री ने कहा जल हमारे के लिए जीवन,आस्था विकास की धारा
हरिद्वार। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के लाईव प्रसारण को एसएमजेएन कालेज में बनायी गयी निरंजनी अखाड़े की छावनी में अखाड़े के अष्टकौशल श्रीमहंतों, संतों तथा व्यापारियों ने ध्यानपूर्वक सुना। मन की बात कार्यक्रम के प्रसारण के लिए छावनी परिसर में बड़ी स्क्रीन लगायी गयी थी। पीएम के मन की बात सुनने के बाद अखिल अखाड़ा भारतीय परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि उन्हें सुनकर काफी अच्छा लगा। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने अपनी बात माघ के पवित्र महीने से शुरू की और हरिद्वार कुंभ का भी जिक्र किया। उन्होंने महापुरुषों के व्यक्तित्व पर भी प्रकाश डाला। आज जो बातें पीएम मोदी ने मन की बात में कहीं हैं, अगर देश का युवा उन्हें मानेगा तो निश्चित तौर पर सफलता पाएगा। हरिद्वार में एसएमजेएन पीजी कॉलेज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि, मां मनसा देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रविंद्रपुरी के अलावा व्यापारी और संतों ने पीएम मोदी के मन की बात सुनी। इस दौरान उन्होंने मन की बात पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने संत रविदास, जल संरक्षण और आत्मनिर्भर जैसे विषयों पर बात की है। हमें हमेशा संत रविदास के पदचिह्नों पर चलना चाहिए। रविवार को प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कुंभ एवं जल संरक्षण के संदर्भ में चर्चा करते हुए जल हमारे लिए जीवन, आस्था और विकास की धारा है। अब गर्मियों के दिन शुरू हो रहे हैं। इसलिए जल संरक्षण का यह सही अवसर है। इसलिए जल संराण के लिए अभी से प्रयास शुरू करने चाहिए। प्रधानमंत्री ने एक संस्कृत श्लोक का उच्चारण करते हुए कहा कि माघ महीने में किसी भी पवित्र जलाशय में स्नान करना पवित्र माना जाता है। दुनिया के प्रत्येक समाज में नदीयों के साथ जुड़ी कोई ना कोई परम्परा है। नदी तट पर ही अनेक सभ्यताएं विकसित हुई हैं। हमारी संस्कृति हजारों वर्ष पुरानी है। इसलिए इसका विस्तार हमारे यहां ज्यादा है। हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर आयोजित किए जा रहे कुंभ से देश दुनिया में सकारात्मक संदेश प्रसारित होगा।