गृहस्थ को महामण्डलेश्वर बनाने पर भड़के स्वामी शिवानंद,कोर्ट जाने की चेतावनी
हरिद्वार। निरंजनी अखाड़ा द्वारा लिए गए हरिद्वार के ज्वालापुर विधायक ओर रविदासचर्या सुरेश राठौर को महामंडलेश्वर बनाने के निर्णय पर मातृ सदन के प्रमुख ओर जूना अखाड़े के संत स्वामी शिवानंद ने विरोध जताया है उनका कहना है कि किसी ग्रस्त को महामंडलेश्वर बनाना सन्यास परंपरा में दुर्भाग्य की बात है जिसके लिए उन्होंने मांग की है कि निरंजनी अखाड़ा को तत्काल बैन किया जाए। मातृसदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद सरस्वती ने कहा है कि अगर पंचायती श्री निरंजनी अखाड़े ने परंपरा के विपरीत किसी गृहस्थ को महामंडलेश्वर बनाया तो इसके खिलाफ वे कोर्ट जाकर अखाड़े पर प्रतिबंध लगाने की मांग करेंगे। बगैर किसी का नाम लिए स्वामी शिवानंद ने कहा कि निरंजनी अखाड़ा अब गृहस्थ को महामंडलेश्वर बनाकर संन्यास धर्म को कलंकित कर रहा है। बीते शुक्रवार को पंचायती श्री निरंजनी अखाड़े ने ज्वालापुर विधायक रविदासाचार्य को महामंडलेश्वर की केवल पदवी देने की घोषणा की थी। शनिवार को मीडिया से बातचीत में स्वामी शिवानंद ने कहा कि गृहस्थ को महामंडलेश्वर बनाकर गलत परंपरा डाली जा रही है। मातृ सदन के प्रमुख स्वामी शिवानंद ने निरंजनी अखाड़े पर आरोप लगाते हुए कहा है कि निरंजनी अखाड़े ने पहले तो अपनी जमीनों पर फ्लैट बनाकर लोगों को बेच दिया और अब ग्रहस्त लोगों को अपने अखाड़े में महामंडलेश्वर बनाने का घोर पाप कर रहे हैं किसी भी ग्रस्त को महामंडलेश्वर बनाना किसी भी सन्यास परंपरा में नहीं है। उन्होंने कहा कि वे सरकार और मेला प्रशासन से मांग करते हैं कि यदि किसी गृहस्थ को महामंडलेश्वर बनाया गया तो वे बर्दास्थ नहीं करेंगे। पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा किसी का अपना नहीं बल्कि साधुओं की परंपरा का अंग है। कहा अखाड़े ने अगर अपना निर्णय वापस नहीं लिया तो वे इसके खिलाफ कोर्ट में चुनौती देंगे। गंगा संरक्षण को लेकर अनशनरत स्वामी शिवानंद ने 15वें दिन शनिवार को चार गिलास के स्थान पर दो गिलास ही जल लेने की बात कही। उधर आत्मबोधानंद का अनशन 33वें दिन भी जारी रहा।