बिजली बिल जमा करने के प्रति विभाग उदासीन,दोपहर से पहले ही खिड़की हो जाती बंद

 हरिद्वार। किसी राज्य में मुफ्त बिजली चुनाव का बहुत बड़ा मुद्दा है तो वही कुछ पार्टियां राज्यों में मुफ्त बिजली जैसे वायदों को जनता की क्रय शक्ति कम करने का एक रास्ता मानती है और वे पार्टिया इस मुफ्तखोरी की आदत को खत्म करने के लिए कृत संकल्प है। लेकिन इस सब के बावजूद भी जो उपभोक्ता बिजली का बिल जमा करना चाहते हैं, उनके बिल दोपहर 1ः00 बजे के बाद जमा ही नहीं होते। विद्युत बिल जमा करने वाले से जब इस बारे में पूछा गया तो उसका कहना था कि बिल की जमा हुई सारी कलेक्शन 2ः00 बजे से पहले तक बैंक में जमा करनी होती है। इसलिए 1ः00 बजे तक की बिजली के बिल जमा किए जाते हैं। दूसरी तरफ बिजली विभाग जिन बैंकों में अपने कलेक्शन जमा करता है वहां पता करने पर पता चला की बैंक कोविड-19 लॉकडाउन के अलावा जब फुल टाइम बैंकिंग होती है, तो सभी खाताधारकों को 4ः00 बजे तक बैंक में पैसे जमा करने की सुविधा प्रदान करता है। ऐसे में विद्युत विभाग उपभोक्ताओं को केवल 1ः00 बजे तक ही बिजली के बिल जमा करने की सुविधाएं देने पर उपभोक्ताओं में बिजली विभाग के कर्मचारियों की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं। आज ऐसे ही एक मामले में हरिद्वार विद्युत विभाग के एक उपभोक्ता( नाम न छापने की शर्त पर) जब 1ः15 बजे विद्युत का बिल जमा करने पहुंचे तो उनका बिल इसलिए जमा नहीं किया गया कि बिल 1ः00 बजे तक ही जमा होते हैं । जब इस बाबत अधिशासी अभियंता वी.एस.पंवार से बात की तो उन्होंने बताया की सभी बिलों की कलेक्शन 2ः00 बजे से पहले बैंक में जमा की जाती है। दूसरी तरफ जब अधिशासी अभियंता को 4ः00 बजे तक की बैंकिंग का हवाला दिया तो उनसे कोई जवाब देते नहीं बना। विद्युत विभाग का खाता पंजाब नेशनल बैंक की मायापुर ब्रांच में है। मायापुर ब्रांच के सीनियर मैनेजर जयप्रकाश वर्मा से बैंकिंग समय के बारे में जानकारी चाही तो सीनियर मैनेजर श्री वर्मा ने बताया कि बैंक में सभी खाताधारकों को 4ः00 बजे तक पैसे जमा करने की सुविधा प्रदान की जाती है। जब बैंकिंग 2ः00 बजे तक थी, तब यह सुविधा 1ः00 बजे तक थी। परंतु आजकल बैंक 10 से 5 तक चल रहे हैं इसलिए बैंकिंग पहले की तरह 4ः00 बजे तक हो रही है। ऐसे में विद्युत विभाग के कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। इस तरह के विभागीय कार्यशैली से उपभोक्ताओं में रोष है। जहां लॉकडाउन में उपभोक्ता बिलों में सरचार्ज,लेटफीस इत्यादि को घटाने की मांग करते हैं वही जो उपभोक्ता पैसे जमा भी करना चाहते हैं, विद्युत विभाग के कर्मचारियों की कार्यशैली उनको हतोत्साहित करती है।