अवैध निर्माण हटाए जाने की मांग को लेकर पहुंचे न्यायालय

 हरिद्वार। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा हरिद्वार में अलकनंदा घाट पर गेट लगाकर आमजन का रास्ता बाधित करने और सार्वजनिक संपत्ति पर अवैघ कब्जे को ध्वस्त कराने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता जेपी बड़ोनी ने सिटी मजिस्ट्रेट न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। दण्ड प्रक्रिया संहित की धारा 133 के तहत जेपी बड़ोनी ने वाद दायर करते हुए बताया कि अलकनंदा घाट पर पर अवैध निर्माण कर गेट स्थापित कर दिया है। जिससे आवागमन का रास्ता पूर्ण रूप से बाधित हो गया है। उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग को गंगा घाट पर अवैध निर्माण कर रास्ते को बाधित करने का कोई अधिकार प्राप्त नहीं है और ये निर्माण पूरी तरह अवैध है। उन्होंने कहा कि गंगा घाट पर सुबह और शाम स्थानीय जनता सैर के लिए जाती है और श्रद्धालु भी गंगा में स्नान करते हैं। इसलिए उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अवैध निर्माण से आमजनता को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है। यही नहीं हरिद्वार में आयोजित होने वाले सालाना स्नान पर्वों, अर्ध कुंभ, महाकुंभ और कांवड मेेले में लाखों श्रद्धालु आते हैं और अलकनंदा घाट भीड प्रबंधन में अहम योगदान निभाता है। इसलिए अलकनंदा घाट पर अवैध निर्माण होने से इन स्नान पर्वों पर भगदड जैसी अप्रिय घटना घटित हो सकती है। उन्होंने कहा कि अवैध निर्माण से गंगा घाट की खूबसूरती भी प्रभावित हुई है और इस तरह के अवैध निर्माण से दूसरे लोगों को गंगा घाटों पर अपने नाजायज फायदों को पूरा करने में अवैध निर्माण करने में प्रोत्साहन मिलेगा। जेपी बड़ोनी ने सिटी मजिस्ट्रेट न्यायालय से उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अवैध निर्माण को हटाए जाने के आदेश पारित करने की प्रार्थना की है।