नया टेंडर होने तक संचालन का जिम्मा ऊषा ब्रेको कंपनी के पास ही रहेगा
हरिद्वार। विकल्पहीनता की अवस्था में मनसा देवी रोपवे के संचालन की जिम्मेदारी नया टेंडर होने तक फिलहाल इसका संचालन कर रही ऊषा ब्रेको कंपनी के पास ही रहेगा। कंपनी तीन करोड़ सालाना शुल्क के साथ ही प्रति टिकट तीन रुपये शुल्क के भुगतान पर ही काम करती रहेगी। नगर निगम बोर्ड के तीन करोड़ सालाना शुल्क के प्रस्ताव पर विरोध के बाद नगर आयुक्त ने इस काम के लिए टेंडर नोटिस जारी करने पर अधिक आमदनी (करीब आठ से दस करोड़) की संभावना जताते हुए शासन को टेंडर नोटिस का नया प्रस्ताव भेज दिया। शासन ने सितंबर में निगम बोर्ड के तीन करोड़ के प्रस्ताव को अस्वीकृत करते हुए नगर निगम प्रशासन के टेंडर नोटिस जारी करने के प्रस्ताव को स्वीकृत करते हुए ऊषा ब्रेको की लीज को खत्म करते हुए इसे निगम स्तर पर संचालित करने का निर्णय ले लिया था। जिसे हरिद्वार नगर निगम प्रशासन ने इसे 1983 से हो रहे मनसा देवी रोपवे संचालन पर ऊषा ब्रेको के एकाधिकार को तोड़ने और उसे अपनी जीत के तौर पर पेश किया था। पर, हकीकत में यह सभी कवायद कागजी खानापूर्ति ही निकली, क्योंकि धरातल पर रोपवे का संचालन अब भी पहले की तरह ऊषा ब्रेको कंपनी के ही हाथों में ही है और वह ही इसका संचालन कर रही है। शुक्रवार को इसकी पुष्टि नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती ने की। उन्होंने बताया कि शासन के स्तर से ऊषा ब्रेको को टेंडर नोटिस निकाले जाने तक रोपवे का संचालन करने की अनुमति दी गयी है। इससे पहले आज तक इस काम के लिए कभी टेंडर नोटिस निकाला ही नहीं गया था। इसलिए टेंडर नोटिस निकालने को अन्य राज्यों और जगहों से जानकारी एकत्र की जा रही है। उसके आधार पर मनसा देवी रोपवे संचालन को नियमावली तैयार कर टेंडर नोटिस निकाला जाएगा। टेंडर अवार्ड होने के संबंधित कंपनी के काम आरंभ करने के बाद ऊषा ब्रेको से रोपवे संचालन की जिम्मेदारी संबंधित कंपनी को हस्तानातंरित कर दी जाएगी।