चैक बाउंस के मामले में दस लाख का अर्थदण्ड के साथ एक माह की सजा
हरिद्वार। उधार ली गई धनराशि अदा नहीं करने के मामले द्वितीय न्यायिक मजिस्ट्रेट पारूल थपलियाल ने आरोपी अविनाश उर्फ भोला को चैक बाउंस में दोषी करार दिया है। कोर्ट ने उसे एक माह का कारावास व 10.75 लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड की प्राप्त धनराशि में से 10.70 लाख रुपये बतौर प्रतिकर राशि शिकायतकर्ता को देने के आदेश दिए हैं। अधिवक्ता दिविक चैहान व अमित कुमार ने बताया कि मार्च 2013 में आरोपी रविन्द्र ने जान पहचान व रिश्तेदार होने के नाते उससे मकान की मरम्मत व शादी के लिए दस लाख रुपये उधार मांगे थे। शिकायतकर्ता रविन्द्र पुत्र मूला सिंह ग्राम अतमलपुर बोंगला, बहादराबाद ने अच्छी जान पहचान व रिश्तेदार होने के नाते आरोपी अविनाश उर्फ भोला पुत्र अशोक कुमार निवासी ग्राम रोहालकी किशनपुर को दस लाख रुपये उधार दे दिए थे। शिकायतकर्ता जब भी अविनाश उर्फ भोला से उधार दी गई धनराशि मांगता, तो वह टाल मटोल करता रहता था। इसी बीच शिकायतकर्ता को पता चला कि अविनाश उर्फ भोला ने उसके पुत्र सचिन कुमार से जमीन दिलाने के बहाने साढ़े 13 लाख रुपये हड़प रखे हुए हैं। तो शिकायतकर्ता ने उससे अपनी उधार दी गई धनराशि दस लाख रुपये लौटाने की मांग की। जिस पर अविनाश उर्फ भोला ने उसे अपने बैंक खाते का एक चेक भरकर हस्ताक्षर कर उसे दिया था। लेकिन बैंक कर्मचारी ने शिकायतकर्ता को अविनाश उर्फ भोला के खाते में पर्याप्त धनराशि नही होने पर उक्त चेक बिना भुगतान के ही वापिस लौटा दिया था। यही नहीं, नोटिस भिजवाने के बाद भी अविनाश उर्फ भोला ने उसे पैसे नही लौटाए थे। थक हारकर शिकायतकर्ता रविन्द्र ने कोर्ट की शरण ली थी।