समाज में अपनापन के साथ आपसी सामंजस्य होगा, वह प्रगति करेगा-डाॅ0प्रणव पण्ड्या
हरिद्वार। कोरोना महामारी के बाद उपजी परिस्थिति में सबसे महत्वपूर्ण कार्य है लोगों में आत्मीयता का विस्तार। जिस परिवार, समाज में अपनापन के साथ आपसी सामंजस्य होगा, वह प्रगति करेगा। इन्हीं भावों के साथ गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं शैलदीदी ने शांतिकुंज टोली को विदाई दी। अपने संदेश में गायत्री परिवार के अभिभावक डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि भारत को विश्व गुरु की ओर आगे बढ़ते देखना चाहते हैं, तो देव परिवार का विस्तार आवश्यक है। देव परिवार यानि संस्कृति एवं राष्ट्र के प्रति श्रद्धावान-निष्ठावान परिवार। इन दिनों मानवता संकट में है और इससे उबरने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक है। डॉ. पण्ड्या ने पर्यावरण एवं जल संरक्षण की दिशा में सार्थक पहल करने के लिए जनमानस को प्रेरित करने की बात कही। शैलदीदी ने कहा कि संकट के इस दौर में आस्था और विश्वास जगाना आवश्यक है। युवाओं में भारतीय संस्कृति एवं देश के प्रति निष्ठा जगाने पर उन्होंने बल दिया। कार्यक्रम विभाग के समन्वयक श्याम बिहारी दुबे ने बताया कि पंद्रह टोली रवाना हुई। प्रत्येक टोली में पांच-पांच कार्यकर्ता शामिल हैं। ये टोली उत्तराखंड, यूपी, मध्य प्रदेश, पंजाब, जम्मू, दिल्ली, बिहार, झारखंड सहित देश के 22 राज्यों में श्रंखलाबद्ध कार्यक्रम का संचालन करेगी। संदीप पाण्डेय, शशिकांत सिंह, परमेश्वर साहू, राजकुमार, बालरूप शर्मा, योगेश पटेल, विनय केसरी आदि के नेतृत्व में टोली रवाना हुई।