सहकारी सम्मेलन में दी गयी किसानों को उर्वरक की जानकारी

 हरिद्वार। इफ्को की ओर से मंडलीय सहकारी सम्मेलन का आयोजन गुरुकुल कांगड़ी विवि स्थित सभागार में हुआ। जिसमें किसानों को उर्वरक की जानकारी देने के साथ ही कई विषयों पर चर्चा हुई। गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग आयुक्त हंसादत्त पांडे ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इफ्को के मुख्य क्षेत्र प्रबंधक डॉ. राम भजन सिंह ने सभी अधिकारी-कर्मचारियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। बताया कि इफ्को ने किसानों के लिए सभी प्रकार के उर्वरक एनपीके कंसोटिया, सागरिका, सल्फर बेंटोनाइट, जिंक सल्फेट, बोरान, कैल्शियम नाइट्रेट, जल विलय उर्वरक, नैनो यूरिया जिले की सभी गन्ना समितियों में किसानों के प्रयोग के लिए उपलब्ध करा दिए हैं। कृषि विज्ञान केंद्र धनौरी प्रभारी डॉ. पुरुषोत्तम कुमार बताया कि गन्ने की प्रजाति सीओ 0238 अधिक उत्पादन देने वाली प्रजाति है। उन्होंने मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए जैविक उत्पादों जैसे गोबर की सड़ी खाद, कंपोस्ट, जैव उर्वरक, सागरिका आदि के प्रयोग की सलाह दी। इफ्को एमसी के प्रतिनिधि अंकुश चैधरी ने गन्ने में लगने वाले कीट एवं बीमारियों की रोकथाम के बारे में जानकारी दी। इफ्को राज्य विपणन प्रबंधक राकेश कुमार श्रीवास्तव ने इफ्को के नए उत्पाद नैनो यूरिया के प्रयोग करने के तरीके एवं उसकी उपयोगिता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। हरिद्वार के सहायक गन्ना आयुक्त शैलेंद्र सिंह, देहरादून की सहायक गन्ना आयुक्त हिमानी पाठक ने बताया कि हरित क्रांति के बाद से फसलों में अत्याधिक रासायनिक उर्वरकों और कैमिकल पेस्टीसाइड का इस्तेमाल हुआ है। जिससे मिट्टी की दुआ शक्ति कमजोर होने से बीमारियां भी बढ़ी हैं। इससे बचाव को जैविक खेती की ओर अग्रसर होना पड़ेगा। आम सभा के प्रतिनिधि सुशील राठी ने सभी गन्ना सुपरवाइजरों से किसानों को दानेदार यूरिया की अपेक्षा नैना यूरिया के बारे में जानकारी देकर इसका प्रयोग कराने का अनुरोध किया। इस दौरान लक्सर चीनी मिल महाप्रबंधक पवन ढींगरा, एसएफए ओमवीर सिंह नीरज कुमार सहित तमाम अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।