किसी भी राष्ट्र के विकास, स्थिरता,सुरक्षा आदि दूरदर्शी नेतृत्व व युवाओं के हाथ में
हरिद्वार। देसंविवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के विकास, स्थिरता,सुरक्षा आदि दूरदर्शी नेतृत्व एवं सकारात्मक दिशा में चलने वालों युवा के हाथ में है। विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रमों के अलावा युवाओं को गढ़ने के साथ उनमें स्किल डेवलपमेंट जैसे प्रशिक्षण भी चलाये जायें। यह बातें उन्होंने कार्यशाला के समापन अवसर पर कहीं। देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज में इंडिया एंड द यूरोपियन यूनियन (ईयू),द रोल ऑफ रिलिजन एंड कल्चर इन पीस बिल्डिंग का दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला सम्पन्न हुई। कार्यशाला में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा,क्षेत्रीय स्थिरता,समृद्धि,आधुनिकीकरण,सतत विकास की प्रगति तथा विश्वभर के लोगों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के विषयों पर चर्चा की गई। जेएनयू की कुलपति प्रो.शांति श्री डी. पंडित ने कहा कि भारतीय संस्कृति के विकास में शांति, सुव्यवस्था के साथ सकारात्मक सोच वाले व्यक्तियों की आवश्यकता है और इसकी पूर्ति विवि पूरी कर सकता है। कार्यशाला का आयोजन देवसंस्कृति विवि शांतिकुंज, लिस्ट्ट इंस्टीट्यूट हंगेरियन कल्चरल सेंटर नई दिल्ली तथा यूरोपीय संघ द्वारा सह-वित्त पोषित जीन मोनेट प्रोजेक्ट सफीरे स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज, जेएनयू के संयुक्त तत्त्वावधान में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर शामिल डॉ.प्रीति डी.दास प्रो.भास्वती सरकार, प्रो.कपिल कपूर, डॉ मैरिएन एर्डो कल्चरल,डॉ.मनुराधा चैधरी आदि ने संबोधित किया।