दीर्घायु संतान के लिए माताएं रखती हैं, जीवित्पुत्रिका (जितिया) व्रतः पं तरूण झा

 हरिद्वार। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिष संस्थानों में एक ब्रज किशोर ज्योतिष केंद्र प्रताप चौक, सहरसा के संस्थापक ज्योतिषचार्य पंडित तरुण झा ने बताया कि’विश्वविद्यालय मिथिला पंचांग के अनुसार 16 सितम्बर को जितिया का नहाय खाय होगा। ऐसे में सवेरे 4.50 तक ओठघन और 17 सितम्बर को यन्त्र के राजा श्री श्री 108 बाबा विश्वकर्मा पूजा के साथ साथ निर्जला व्रत प्रारम्भ होगा। इसके उपरांत 18 सितम्बर को 04.49 संध्या में होगा पारण होगा। उन्होंने कहा कि हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका का व्रत मनाया जाता हैं. इस बार का जितिया 36 घंटे का निर्जला है, और खरजितिया लगा है। इस बार नयी व्रती इस व्रत को उठा सकती है। जीवित्पुत्रिका व्रत को भक्ति और उपासना के सबसे कठिन व्रतों में एक माना जाता है। बिहार में इस पर्व को जीवित्पुत्रिका के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन के लिए व्रत रखती हैं। माताएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं।