गंगा में विसर्जित किए गए तीन हजार अस्थि कलश


 हरिद्वार। हिंदी कश्मीरी संगम की अध्यक्ष प्रो.बीना बुदकी के संयोजन में कनखल स्थित सती घाट पर देश और विदेश के विभिन्न शमशान से लायी गयी तीन हजार अस्थि कलश का पूर्ण विधि विधान से गंगा में विसर्जन किया गया। इस अवसर पर प्रो.बीना बुदकी ने बताया कि कश्मीर, मुंबई और अहमदाबाद सद्विचार परिवार के पीके लहरी के सानिध्य में 11वीं अस्थि विसर्जन यात्रा 9 सितम्बर को मुंबई से हरिद्वार के लिए रवाना हुई थी। प्रो.बीना बूुदकी ने बताया कि सद्विचार परिवार में देश के अलावा विदेशों से भी अस्थियां आती हैं। जिन्हें पूर्ण विधि विधान के साथ गंगा में विसर्जित किया जाता है। इस बार भी विदेश से अस्थियां लाई गई। उन्होंने बताया कि इस पुनीत कार्य में कई लोगों व संगठनों का सहयोग मिलता है। योंगेंद्र पंचाल अहमदाबाद श्मशान पर पूरे वर्ष निष्काम भाव से सेवा करते हैं। हरिद्वार में धर्मयात्रा महासंघ के पदाधिकारी ललिता मिश्र,रजनीकांत शुक्ला,सुषमा मिश्रा,काशीनाथ, जानकीप्रसाद, डा.उपेंद्र कुमार गुप्ता,यशपाल विजन,पंडित चंद्रप्रकाश शुक्ला, मंजू शुक्ला, पंकज मिश्रा,मनोज गुप्ता के सानिध्य से सती घाट पर सनातन पद्धति से अस्थियों को गंगा में विसर्जित किया गया। महामंडलेश्वर पूजा माई ने बताया कि संगठन द्वारा अब तक 54 हजार मृतकों की अस्थियां गंगा में प्रवाहित की जा चुकी हैं। कोरोना काल में 32 हजार लोगों की अस्थियां हरिद्वार व नासिक में विसर्जित की गयी। उन्होंने कहा कि पितृ दोष और सर्प दोष दूर करने के लिए लोग हजारो रूपए खर्च करते हैं। हिंदी कश्मीर संगम का उद्देश्य है कि लोग माता पिता और जरूरतमंदों की निष्काम भाव से सेवा करें। इस दौरान वी.शंकर, कमलेश्वर मिश्रा, आचार्य मदन और इंद्रमोहन भी उपस्थित रहे।