राम नाम जपन से मनुष्य समस्त सांसारिक बंधनों से मोक्ष को प्राप्त करता हैः आचार्य उद्धव मिश्र
हरिद्वार। कथा व्यास आचार्य उद्धव मिश्र ने कहा कि भगवान राम से बड़ा राम का नाम है। राम नाम जपने से ही मनुष्य समस्त सांसारिक बंधनों से छूटकर मोक्ष को प्राप्त कर सकता है। राजा दशरथ के पुत्र राम त्रेता युग में हुए थे। लेकिन भगवान राम का नाम आज भी संसार में मौजूद है। राम नाम का सुमिरन करने वाले प्राणी को कभी भी दुख सता नहीं सकता। राम भक्तों के कष्ट हरने के लिए स्वयं हनुमान जी मौजूद रहते हैं। इसलिए भवसागर से पार उतरने के लिए राम नाम का सुमिरन करते रहना चाहिए। श्री बालाजी धाम सिद्धबलि हनुमान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर जगजीतपुर कनखल में चल रहे नव दिवसीय रामकथा के चतुर्थ दिवस पर आचार्य उद्धव ने भगवान राम की बाल लीलाओं का सुंदर प्रसंग सुनाया। उन्होंने कहा भगवान राम से बड़ा राम का नाम है, जिसका स्मरण करने मात्र से ही प्राणियों के समस्त कष्ट दूर हो जाते हैं। जीवन में आने वाली परेशानियों से निजात पाने के लिए लोगों राम की शरण में जाना चाहिए।महर्षि बाल्मीकि से लेकर गोस्वामी तुलसीदास जी जैसे अनेक महापुरुषों ने राम नाम की महिमा का बखान किया है। जिसे पढ़कर व सुनकर रामभक्त भक्ति के सागर में डुबकी लगा रहे हैं। त्रेतायुग से लेकर कलयूग तक न जाने कितने ज्ञानी, तपस्वी महापुरुषों ने राम नाम की महिमा का सुंदर वर्णन किया है। लेकिन कोई भी राम नाम की थाह नहीं पा सका है। राम नाम की महिमा अथाह, अनंत और अपरंपार है। जिसमें मनुष्य अपनी श्रद्धा और भक्ति के अनुसार ज्ञान प्राप्त कर सकता है। कबीर दास जी ने राम नाम की महिमा का सुंदर वर्णन किया है उन्होंने कहा है घट घट में राम है लेकिन दुनिया देख नहीं पा रही है। राम को पाने के लिए इधर-उधर भटक रही है।उन्होंने कहा राम कथा आयोजन का उद्देश्य लोगों के मन में राम की भक्ति जागृत करना है। भगवान राम की द्वारा स्थापित किए गए मापदंडों को अपनाकर व्यक्ति अपने एवं अपने कुल का नाम रोशन कर सकता है। उन्होंने कहा कि निरंजनी अखाड़े के स्वामी आलोक गिरी महाराज की प्रेरणा से उनके शिष्य संजीव राणा के द्वारा राम कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा में बाबा नीरज गिरी, मनकामेश्वर गिरी, दामोदर गिरी,पं अभय मिश्रा,शशि भारद्वाज,हरीश चौधरी, अनिल मिश्रा,ओमप्रकाश मलिक, राहुल शर्मा,नरेश चौटाला,संजय कुमार,राजबाला देवी,सुरेखा देवी, सहित अन्य भक्त मौजूद रहे।