गुजरात और उड़ीसा में खनिज निष्कर्षण का लाभ उत्तराखण्ड भी ले सकता है-के.श्रीनिवासन
हरिद्वार। उप महालेखापरीक्षक के श्रीनिवासन ने हरिद्वार पहुंचकर नदी तल खनिज निष्कर्षण को लेकर बैठक की। बैठक में उप महालेखापरीक्षक ने उड़ीसा और गुजरात राज्यों का जिक्र करते हुए कहा कि खनिज निष्कर्षण के क्षेत्र में उड़ीसा और गुजरात में काफी व्यवस्थित ढंग से कार्य किया जा रहा है। इन राज्यों के अनुभवों का लाभ उत्तराखंड में भी लिया जा सकता है। इन राज्यों के संबंधित अधिकारियों से बातचीत करने के साथ ही जीएसआई (जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) के साथ एक वर्कशॉप का आयोजन भी किया जा सकता है। शनिवार को डामकोठी में नदी तल खनिज निष्कर्षण के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई। बैठक में अधिकारियों ने उप महालेखापरीक्षक को नदी तल खनिज निष्कर्षण/उत्खनन की सारी प्रक्रियाओं के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि खनन की अनुमति देने के लिये कमेटी का गठन किया गया है। सारी औपचारिकतायें पूर्ण होने के बाद ही खनन सत्र में सम्बन्धित को खनन की अनुमति दी जाती है तभी सम्बन्धित खनन की निकासी कर सकता है, जिसकी नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जाती है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि उत्तराखण्ड की नदियों में कहीं भी नदी तल से खनिज निष्कर्षण के लिये मशीनों का उपयोग नहीं किया जाता है बल्कि मानव शक्ति द्वारा चुगान कार्य किया जाता है, जिसमें नियमानुसार मैनुअली ही खनन की निकासी की जाता है तथा बरसात के समय 01 जुलाई से 30 सितम्बर तक मानसून सत्र के कारण खनन का कार्य नहीं किया जाता है। 01 अक्टूबर से प्रतिवर्ष खनन सत्र चालू होता है। उप महालेखापरीक्षक को अधिकारियों ने यह भी बताया कि नदियों से कितनी खनन सामग्री की निकासी हो रही है, के सम्बन्ध में एक ई-रवाना पोर्टल बनाया गया है, जिसमें खनिज निकासी को दर्ज करना अनिवार्य है। इस पोर्टल में दर्ज करने के पश्चात ही सम्बन्धित,खदान से, खनन सामग्री बाहर ले जा सकता है। उप महालेखापरीक्षक श्री के0 श्रीनिवासन ने उड़ीसा तथा गुजरात राज्यों का जिक्र करते हुये कहा कि खनिज निष्कर्षण के क्षेत्र में उड़ीसा तथा गुजरात में काफी व्यवस्थित ढंग से कार्य किया जा रहा है। इसलिये उनके अनुभवों का लाभ लेने के लिये इन राज्यों के सम्बन्धित अधिकारियों से बातचीत करने के साथ ही जीएसआई(जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया) के साथ एक वर्कशाप का आयोजन भी किया जा सकता है। बैठक के पश्चात उप महालेखापरीक्षक के0 श्रीनिवासन ने गैण्डीखाता से पहले स्थित रवासन-2 नदी में वन निगम के खनन लॉट में चल रहे आर0बी0एम0 निष्कर्षण/खनन स्थल का भी स्थलीय निरीक्षण समस्त अधिकारियों के साथ किया। जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डे ने उप महालेखापरीक्षक के0 श्रीनिवासन के डामकोठी पहुंचने पर पुष्पगुच्छ भेंटकर भव्य स्वागत व अभिनन्दन किया।इस अवसर पर निदेशक भूतत्व एंव खनिकर्म विभाग, उत्तराखंड एस0एल0 पैट्रिक, प्रभागीय वनाधिकारी,वन विभाग हरिद्वार नीतीश मणी त्रिपाठी,अपर जिलाधिकारी बीर सिंह बुदियाल, मुख्य कोषाधिकारी सुश्री नीतू भण्डारी, एसडीएम पूरण सिंह राणा, सहायक भूवैज्ञानिक/खनन अधिकारी प्रदीप कुमार सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।