मानव सेवा ही सबसे बड़ी सेवा-एमए पठान
हरिद्वार। स्फीहा स्वस्थ पर्यावरण, पारिस्थितिकी और आगरा की विरासत (एक गैर-सरकारी पंजीकृत सोसाइटी) के रूप में आगरा के संरक्षण के लिए सन् 2006 में बनाई गई थी। सोसाइटी न केवल आगरा, बल्कि संपूर्ण भारतवर्ष और वास्तव में पूरे विश्व के महाद्वीपों के देशों (जैसे यूरोप और ऑस्ट्रेलेशिया) में भी पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य कर रही है। स्फीहा मध्य प्रदेश राज्य में स्थित दस आदिवासी गाँवों के समूह राजा बरारी प्रदेश के आदिवासियों व जनजातियों के उत्थान के लिए भी सेवा कार्य कर रही है। यह कार्य राधास्वामी सत्संग सभा, दयालबाग, आगरा- 282005, यू.पी. मुख्यालय। (मुरार घोषणा 13 जून 2010) के सहयोग व निर्देश से ही संभव हो पा रहा है। नवोदित खिलाड़ियों को विभिन्न खेलों में प्रशिक्षण और प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है, ताकि दिसंबर में होने वाले आगामी मुख्यमंत्री कप में वे उत्साह से भाग ले सकें। इस दस दिवसीय शिविर के दौरान एक वॉलीबॉल टूर्नामेंट सहयोग, संगठन, सफलता कप के नाम से इस क्षेत्र के आदिवासी गाँव में किया जाएगा। इसमें 36 विभिन्न टीमों के बीच संचालन किया गया है। इन खेल गतिविधियों में लगभग 1200 छात्रों ने भाग लिया है। यहाँ लड़कियों के लिए आत्मरक्षा और युवा छात्रों के लिए न केवल प्रशिक्षण ही दिया जा रहा है बल्कि भारत के सैन्य रक्षा बलों में प्रयोग में ली जाने वाली जुझारू भूमिकाओं के लिए भी, उनके आत्मविश्वास में सुधार के लिए, विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा समानांतर रूप से कैंप आयोजित किया जा रहा है, जिससे उनकी शारीरिक दृढ़ता और और मानसिक फिटनेस में सुधार होगा। डी ई आई (डीम्ड यूनिवर्सिटी) के प्रोफेसर, अत्याधुनिक तकनीकों जैसे ड्रोन और कंप्यूटर के उपयोग सहित प्रौद्योगिकियां से इन कार्यशालाओं का आयोजन कर रहे हैं। वे नियमित स्थानीय हवा और पानी की गुणवत्ता की मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं। स्फीहा के स्वयंसेवक बायो डाटा लेखन और साक्षात्कार की कार्यशालाओं को आयोजित भी कर रहे हैं। कौशल कार्यशालाओं द्वारा योग्य युवाओं के लिए प्लेसमेंट सहायता भी आयोजित की गयीं हैं। भर्ती के लिए कंपनियों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। इस अवसर पर बोलते हुए, स्फीहा के अध्यक्ष एमए पठान ने कहा कि मानवता की सबसे बड़ी सेवा लोगों के विकास और उत्थान के लिए उनकी सेवा करना है। टिकाऊ प्रबंधन के हमारे लक्ष्य को आगे बढ़ाने के लिए इस शिविर को आयोजित किया गया है। स्फीहा के उद्देश्य-सांस्कृतिक के लिए भौतिक पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए जीवन समर्थन पारिस्थितिक तंत्र, सभी समुदायों की भावनात्मक और आध्यात्मिक भलाई-को आगे बढ़ाने में यह कैम्प सहायक होगा और यही सरकार के उद्देश्य-विकास की दृष्टि के अनुरूप भी है। हम चाहते हैं कि हमारे आदिवासी समुदाय हर मामले में आत्मनिर्भर हों। स्फीहा राजबरारी में सक्रिय रूप से विभिन्न सामाजिक-आर्थिक और रोजगार के अवसरों का समर्थन और प्रायोजन कर रहा है, जिससे अद्वितीय ग्रामीण आर्थिक क्षेत्र को बनाए रखने में मदद मिल रही है।