हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के वनस्पति एवं सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा प्रोफेसर रमेशचंद्र दुबे को लाइफटाइम माइक्रोबायोलॉजी डिवोशन अवार्ड से सम्मानित किया गया। उन्हें यह पुरस्कार माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर अरविंद देशमुख, कुलपति प्रोफेसर सोमदेव शतांसु एवं सुमित्र पांडे द्वारा प्रदान किया गया। प्रोफेसर रमेशचंद्र दुबे गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में सन् 1996 से अध्यापन कार्य कर रहे हैं। उन्हें यह सम्मान उनके शोध क्षेत्र मृदा सूक्ष्मजैविकी, पादप रोगविज्ञान तथा सूक्ष्मजैविक जैव प्रौद्योगिकी में मिला है। प्रोफेसर रमेशचंद्र दुबे के निर्देशन में अब तक 36 छात्र-छात्राओं को पीएचडी की उपाधि प्रदान की जा चुकी है। उनके 207 शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। प्रोफेसर दुबे ने 8 पुस्तकों का लेखन एवं 6 पुस्तकों का सह संपादन भी किया है। इसके अतिरिक्त उनका एक काव्य-संग्रह गीतायन तथा वैदिक माइक्रोबायोलॉजी-एक वैज्ञानिक दृष्टि पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है। प्रो.दुबे की अपने शोध पत्रों और पुस्तकों के कारण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान है। वनस्पति एवं सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग में माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा सम्मानित होने वाले वे पहले प्रोफेसर है। प्रोफेसर दुबे माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया के सदस्य नहीं हैं। लेकिन सूक्ष्म जीव विज्ञान व वैदिक माइक्रोबायोलॉजि में महत्वपूर्ण योगदान को ध्यान में रखते हुए उन्हें इस सम्मान से नवाजा गया हैं। सम्मान समारोह में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नवनीत, प्रोफेसर मुकेश कुमार, डा.संदीप, सुमित्रा पांडे, डा.हरीश चंद्रा, डा.चिरंजीब, डा.कार्तिकेय,डा.विनीत व शोध छात्र-छात्राएं अन्नपूर्णा,हर्षवर्धन,प्रशांत कुमार, विजेता, सुमित, सागर, हर्षिता,हिमानी, शगुन, काजल आदि उपस्थित रहे।
लाइफटाइम माइक्रोबायोलॉजी डिवोशन अवार्ड से प्रोफेसर रमेशचंद्र दुबे सम्मानित
हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के वनस्पति एवं सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा प्रोफेसर रमेशचंद्र दुबे को लाइफटाइम माइक्रोबायोलॉजी डिवोशन अवार्ड से सम्मानित किया गया। उन्हें यह पुरस्कार माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर अरविंद देशमुख, कुलपति प्रोफेसर सोमदेव शतांसु एवं सुमित्र पांडे द्वारा प्रदान किया गया। प्रोफेसर रमेशचंद्र दुबे गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में सन् 1996 से अध्यापन कार्य कर रहे हैं। उन्हें यह सम्मान उनके शोध क्षेत्र मृदा सूक्ष्मजैविकी, पादप रोगविज्ञान तथा सूक्ष्मजैविक जैव प्रौद्योगिकी में मिला है। प्रोफेसर रमेशचंद्र दुबे के निर्देशन में अब तक 36 छात्र-छात्राओं को पीएचडी की उपाधि प्रदान की जा चुकी है। उनके 207 शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। प्रोफेसर दुबे ने 8 पुस्तकों का लेखन एवं 6 पुस्तकों का सह संपादन भी किया है। इसके अतिरिक्त उनका एक काव्य-संग्रह गीतायन तथा वैदिक माइक्रोबायोलॉजी-एक वैज्ञानिक दृष्टि पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है। प्रो.दुबे की अपने शोध पत्रों और पुस्तकों के कारण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक विशिष्ट पहचान है। वनस्पति एवं सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग में माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा सम्मानित होने वाले वे पहले प्रोफेसर है। प्रोफेसर दुबे माइक्रोबायोलॉजिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया के सदस्य नहीं हैं। लेकिन सूक्ष्म जीव विज्ञान व वैदिक माइक्रोबायोलॉजि में महत्वपूर्ण योगदान को ध्यान में रखते हुए उन्हें इस सम्मान से नवाजा गया हैं। सम्मान समारोह में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नवनीत, प्रोफेसर मुकेश कुमार, डा.संदीप, सुमित्रा पांडे, डा.हरीश चंद्रा, डा.चिरंजीब, डा.कार्तिकेय,डा.विनीत व शोध छात्र-छात्राएं अन्नपूर्णा,हर्षवर्धन,प्रशांत कुमार, विजेता, सुमित, सागर, हर्षिता,हिमानी, शगुन, काजल आदि उपस्थित रहे।