हरिद्वार। विश्व हृदय दिवस पर हृदय रोगों के संबंध में जानकारी देते हुए स्वामी विवेकानंद हैल्थ मिशन सोसायटी द्वारा संचालित स्वामी रामप्रकाश चैरिटेबल हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डा.संजय शाह ने बताया कि हृदय रोगों में स्ट्रोक, जन्मजात हृदय दोष, हृदयाघात, कार्डियक अरेस्ट, पेरिकार्डियल बहाव,रुमेटिक हृदय रोग,कोरोनरी धमनी रोग, एनजाइना आदि शामिल है। दिल की इन गंभीर बीमारियों से दूर रहने के लिए स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने की जरूरत है। डा.शाह ने बताया कि हृदय रोगों का मुख्य कारण उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रोल की अधिकता है। कोलेस्ट्रोल के अणुओं का आकार भी दिल के रोगों की संभावना बढ़ाता है। रक्त नलिकाओं की भीतरी दीवारों पर बुरे कोलेस्ट्राल का जमना अथेरोस्टकलेरोसिस कहलाता है। इसके कारण रक्त वाहिनियां संकरी हो जाती हैं और हृदय को रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है। बढ़ती आयु के साथ कसरत करना जरूरी है। जिसमें सुबह-शाम की सैर और हल्के-फुल्के व्यायाम को शामिल किया जा सकता है। डा-शाह ने कहा कि व्यायाम न करना दिल के लिए उतना ही घातक है जितना कि धूम्रपान करना। व्यायाम से दिल की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और वह कमजोर नहीं पड़ता। इसके अतिरिक्त लगातार चलते रहने से हाथ-पैरों की धमनियां स्वस्थ रहती हैं। जिससे शरीर में रक्त परिसंचरण ठीक से होता है। मोटापा भी दिल की बीमारियों को खुला निमन्त्रण है। वजन घटाने के लिए नियमित व्यायाम तथा सीमित मात्र में साधारण भोजन सबसे अच्छा उपाय है। परन्तु वजन घटाने के लिए भूखे रहने तथा उल्टे-सीधे नुस्खों का चयन नहीं करना चाहिए। इससे दिल पर बुरा असर पड़ता है। वहीं, धूम्रपान दिल और दिमाग को शराब से भी ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। साथ ही एक व्यक्ति के धू्म्रपान करने से उसके आसपास के लोग भी अप्रत्यक्ष रूप से धुंए की चपेट में आ जाते हैं। डा.संजय शाह ने कहा कि दिल को स्वस्थ रखने के लिए भोजन में वसा की मात्र को सीमित करें। तले भुने और चिकनाई वाले खाने से वजन तो बढ़ता ही है साथ ही यह चिकनाई खून की धमनियों में जम जाती है। जिससे खून का दौरा धीरे-धीरे कम होता जाता है।
हृदय रोगों से बचने के लिए अपनाएं स्वस्थ जीवन शैली-डा.शाह