युगपुरूष और सनातन संस्कृति के पुरोधा थे ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी- धामी

 ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी की स्मृति में मुख्यमंत्री राहत कोष में पांच लाख ग्यारह हजार रूपए का चेक


हरिद्वार। श्री जयराम आश्रम परमाध्यक्ष स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के गुरू ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज की 19वीं पुण्यतिथि सभी तेरह अखाड़ों के सानिध्य में समारोह पूर्वक मनायी गयी। इस दौरान स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज की स्मृति में मुख्यमंत्री राहत कोष में पांच लाख ग्यारह हजार रूपए का चेक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को प्रदान किया और भगवान शिव की मूर्ति भेंटकर तथा शॉल ओढ़ाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। जयराम आश्रम में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी एक युगपुरूष और सनातन संस्कृति के पुरोधा थे। स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज का धर्म के साथ चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में किया गया अतुलनीय योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा,ऐसे महापुरूष पूरे समाज के लिए वंदनीय हैं। उन्होंने कहा कि ऋषि परम्परा देश को महान बनाती है। सभी को संत महापुरूषों के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। विशिष्ट अतिथि जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। जिन्होंने भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाने के लिए समाज को जागृत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्ही के आदर्शो को अपनाकर स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी शिक्षा, चिकित्सा, गौसेवा सहित सेवा के कई क्षेत्रों में अपना अहम योगदान प्रदान कर रहे हैं। जो संत समाज के लिए गौरव की बात है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि महापुरूष केवल शरीर त्यागते हैं। उनकी शिक्षाएं अनंतकाल तक समाज का मार्गदर्शन करती रहती हैं। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महान तपस्वी संत थे। सभी को उनके त्यागपूर्ण जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। श्रीपंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज एवं महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधने में संत समाज की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि संत समाज का गौरव ब्रह्मलीन स्वामी देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महान संत थे। जिनका जीवन और विचार सदैव प्रासंगिक रहेंगे। संत महापुरूषों व अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए स्वामी ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि गुरूदेव ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी विलक्षण संत थे। गुरूदेव से प्राप्त ज्ञान और शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए संत समाज के आशीर्वाद से गुरू परंपरांओं को आगे बढ़ाते हुए समाज को धर्म व अध्यात्म की प्रेरणा देना और सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार के साथ मानव सेवा में योगदान करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ,महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी एवं कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि भक्तों के कल्याण के लिए जीवन समर्पित करने वाले ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव सेवा का संकल्प ही उन्हे सच्ची श्रद्धांजलि है। समारोह में प्रसिद्ध हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा ने अपने चुटीले अंदाज से श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। कार्यक्रम में देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल ऋषिकेश के छात्र छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम का संचालन डा.शिवशंकर मिश्र ने किया। सुमित मिश्रा,जयपाल सिंह ने सभी संत महापुरूषों व अतिथीयों का फूलमाला पहनाकर व शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया। इस अवसर पर महंत हर्षवर्द्धन,महंत महेश पुरी,भारत माता मंदिर के आईडी शर्मा, वैष्णो देवी मंदिर के प्रबंधक भक्त दुर्गादास,सांसद डा.रमेश पोखरियाल निशंक,विधायक मदन कौशिक,मेयर अनिता शर्मा,ऋषिकेश की मेयर अनिता ममगई,चौधरी किरणपाल बाल्मिीकि,पवन शर्मा,पूर्व सभासद अशोक शर्मा सहित सहित कई संत व गणमान्य लोग मौजूद रहे।