हरिद्वार। श्री मोहन जगदीश आश्रम संयास रोड कनखल में स्वामी 1008 जगदीश्वरानंद जी महाराज की 33वीं पुण्यतिथि आश्रम में बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर आश्रम में श्रीमद् भागवत कथा का भी पवन आयोजन किया गया। महामंडलेश्वर स्वामी दिव्यानंद महाराज ने अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए कहा साधु संतों का जीवन समाज को समर्पित होता है उनके प्रत्येक कार्यों में भक्तजनों का हित निहित होता है। इस अवसर पर भक्तजनों के बीच उद्गार व्यक्त करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद जी महाराज ने कहा गुरु के बिना ज्ञान संभव नहीं इस सृष्टि में गुरु साक्षात ईश्वर के प्रतिनिधि हैं गुरु भक्तों का मार्गदर्शन कर उन्हें कल्याण का मार्ग दिखाते हैं। उन्हें भक्ति का मार्ग दिखाते हैं उन्हें सद्गति का मार्ग दिखाते हैं। सत्संग के माध्यम से गुरु भक्तों के अंदर अच्छे संस्कार उत्पन्न करते हैं। श्रीमद् भागवत कथा इस सृष्टि में सभी ग्रंथो का सार है मनुष्य जीवन सुधा रस है जिसका श्रवण करने मात्र से मनुष्य का लोक और परलोक दोनों सुधर जाते हैं तथा कथा का आयोजन करने वाले भक्तों के पूर्वजों को सद्गति प्राप्त होती है। इस दौरान अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी गिरधर गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर अभयानंद सरस्वती सहित अनेको संतों ने ब्रह्मलीन जगदीशानंद गिरि जी महाराज को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
संतों ने ब्रह्मलीन जगदीशानंद गिरि जी महाराज को दी श्रद्वांजलि