सनातन धर्म का अपमान सहन नहीं किया जाएगा-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
हनुमान का अपमान करने पर स्वामी नारायण सम्प्रदाय का बहिष्कार करने का निर्णय
हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं अखिल भारतीय संत समिति की संयुक्त बैठक में सनातन धर्म पर लगातार किए जा रहे कुठाराघात का कड़ा विरोध करते हुए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया। बैठक में हिंदू समाज के आराध्य भगवान हनुमान का अपमान करने पर स्वामी नारायण सम्प्रदाय का बहिष्कार करने का निर्णय भी लिया गया। कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव ंिसंह महाराज की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज, महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्र दास, श्रीमहंत धर्मदास,स्वामी हरिचेतनानंद, महंत राघवेंद्र दास, महंत रघुवीर दास, महंत गोविंद दास, महंत बिहारी शरण,महंत सत्यम गिरी,बाबा हठयोगी,महंत सूरजदास,महंत नारायण दास पटवारी, संत निर्भय सिंह, महंत बलवीर सिंह सहित कई संत महापुरूष शामिल हुए। बैठक को संबोधित करते हुए अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म पर लगातार कुठाराघात किया जा रहा है। सनातन धर्म के धार्मिक ग्रंथों से छेड़छाड़ की जा रही है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हाल ही में स्वामी नारायण सम्प्रदाय द्वारा जन-जन के आराध्य हनुमान जी का अपमान किया गया। जिससे पूरे संत समाज में रोष है। हनुमान जी पर अनर्गल टिप्पणी किए जाने पर स्वामी नारायण सम्प्रदाय के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया और भविष्य में ऐसा ना करने की चेतावनी दी गयी है। यदि फिर भी भगवान हनुमान का अपमान बंद नहीं किया जाता है तो स्वामी नारायण सम्प्रदाय को अखाड़ा परिषद एवं अखिल भारतीय संत समिति से बहिष्कृत करने के साथ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पुत्र लगातार सनातन धर्म पर अनर्गल टिप्पणी कर रहे हैं। जिसे लेकर संत समाज का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मिलकर ज्ञापन देंगा और कार्रवाई की मांग करेगा।अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि कुछ राजनेताओं द्वारा सनातन धर्म का विरोध किया जा रहा है। अनर्गल टिप्पणी करने के साथ हिंदू देवी देवताओं का अपमान किया जा रहा हैं। हिंदू धर्म गं्रथों की मनमानी व्याख्या की जा रही है। सनातन धर्म का अपमान करने वालों के खिलाफ अखाड़ा परिषद देशव्यापी आंदोलन शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को सनातन धर्म पर अपमानजक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कड़ा कानून बनाना चाहिए। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि जिस प्रकार सनातन धर्म पर लगातार कुठाराघात किया जा रहा है। उसके खिलाफ पूरे संत समाज को एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि सबसे प्राचीन सनातन धर्म ने हमेशा पूरी दुनिया का मार्गदर्शन किया है। लेकिन राजनीतिक लाभ के लिए कुछ लोग सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं। जिसका संत समाज एकजुट होकर विरोध करेगा और उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने देगा। अखाड़ा परिषद के कोषाध्यक्ष एवं निर्मल अखाड़े के कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज व महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि संत समाज सनातन धर्म का अपमान सहन नहीं करेगा। सनातन धर्म का अपमान करने वालों को मूंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। सनातन धर्म के अपमान को रोकने के लिए केंद्र सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए। जिससे कोई भी व्यक्ति सनातन धर्म का अपमान करने का साहस ना कर सके।