हरिद्वार। शारदीय नवरात्र के पहले दिन तीर्थनगरी के विभिन्न शक्तिपीठों,माता के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। इस दौरान श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की विधि विधान से आरती और पूजा अर्चना की। सुबह से देर शाम तक मंदिरों में माता के जयकारे लगते रहे। घरों में घट स्थापना से लेकर कीर्तन भजन से माहौल भक्तिमय रहा। मंदिरों में सुरक्षा के दृष्टिगत सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। धर्मनगरी और आसपास क्षेत्रों में नवरात्र पर चहुंओर खासा उल्लास दिखा। घर और मंदिरों में घट स्थापना से लेकर माता की विधि विधान से पूजा अर्चना की गयी। मां मनसा देवी, चंडी देवी, शीतला माता मंदिर, सुरेश्वरी देवी,माया देवी आदि मंदिरों में भोर से देर शाम तक पूजा अर्चना को भक्तों की कतार लगी रही। चहुंओर माता के जयकारे लगते रहे। नवरात्र पर मंदिरों की साज-सज्जा भी देखते ही बन रही थी। श्रद्धालुओं ने माता को श्रीफल और चुनरी भेंटकर आशीर्वाद लिया। इधर नवरात्र पर फल, फूल आदि की भारी मांग रही। श्रद्धालुओं ने माता के प्रसन्न करने के लिए पूजन सामग्री आदि की भी जमकर खरीददारी की। मां दुर्गा की आराधना मात्र से ही मनुष्य के वैचारिक विकार दूर हो जाते हैं। शास्त्रों, पुराणों के मुताबिक हिमालय की पुत्री होने के कारण ही दुर्गा के पहले अवतार का नाम शैलपुत्री पड़ा। प्रकृति के भावों को स्पष्ट करने के लिए ही देवी के प्रथम स्वरूप के रूप में मां शैल पुत्री की आराधना की जाती है। यह भी मान्यता है कि शैल पुत्री की आराधना अकेले ही नहीं बल्कि भगवान शिव के साथ ही जानी चाहिए। इन्हीं मान्यताओं को देखते हुए श्रद्धालुओं ने मंदिरों में जाकर शैल पुत्री की विधि विधान से पूजा की।
शारदीय नवरात्रा के पहले दिन मन्दिरों में उमड़ी श्रद्वालुओं की भीड़