हरिद्वार। देवोत्थान एकादशी पर अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने निरंजनी अखाड़ा स्थित चरण पादुका मंदिर में भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना कर लोक कल्याण की कामना की। इस दौरान श्रद्धालु भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि देवोत्थान एकादशी को देवउठनी एकादशी या देव प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु अपनी चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं और महादेव शिव सृष्टि संचालन का भार पुनः श्रीहरि को सौंप देते हैं। इसलिए इस दिन उनकी विशेष पूजा अर्चना की जाती है। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि भगवान विष्णु के शयनकाल के दौरान विवाह आदि मंगल कार्य नहीं होते हैं। देवोत्थान एकादशी को भगवान श्रीहरि के योग निद्रा से जागने के उपरांत ही मंगल कार्य प्रारंभ होते हैं। उन्होंने कहा कि देवोत्थान एकादशी को गंगा स्नान कर, दान पुण्य करने से श्री हरि की कृपा प्राप्त होती है। देवोत्थान एकादशी के दिन पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाने और शाम को दीपक जलाने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। जिससे परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। प्रत्येक कार्य में सफलता और उन्नति मिलती है। पापों का क्षय होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।