हरिद्वार। इंटरनेशनल गुडविल सोसायटी ऑफ इंडिया हरिद्वार चैप्टर द्वारा बाल दिवस पर वेबिनार आयोजित पंडित जवाहर लाल नेहरू को याद किया गया। इस अवसर पर सोसाइटी के अध्यक्ष इंजीनियर मधुसूदन आर्य ने कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री के रुप में अपने व्यस्त जीवन के बावजूद भी पंडित नेहरु बच्चों से बेहद लगाव रखते थे। वो उनके साथ रहना और खेलना बहुत पसंद करें थे। चाचा नेहरु को श्रद्धांजलि देने के लिये 1956 से उनके जन्मदिवस को बाल दिवस के रुप में मनाया जा रहा है। नेहरु जी कहते थे कि बच्चे देश का भविष्य है इसलिये ये जरूरी है कि उन्हें प्यार और देख-भाल मिले। जिससे कि वो अपने पैरो पर खड़े हो सकें। चैप्टर के सचिव अरुण कुमार पाठक ने कहा कि बाल दिवस मानने के पीछे एक मुख्य कारण यह भी है कि लोगों को बच्चों के अधिकारों तथा अच्छे पालन-पोषण के विषय में जागरुक भी किया जा सके। क्योंकि बच्चे ही देश के असली भविष्य हैं। इसलिये हर किसी को बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिये,जिससे की बाल दिवस का वास्तविक अर्थ सार्थक हो सके। संयुक्त सचिव राकेश अरोड़ा ने कहा कि बच्चे हमारे देश का आने वाला भविष्य होते हैं, इसलिए यह काफी आवश्यक है कि उनके लालन-पालन पर विशेष ध्यान दें। संगठन सचिव एसएस राणा ने कहा कि बाल दिवस का दिन पूरे विश्व भर में अलग-अलग दिन मनाया जाता है पर हर जगह इसका मकसद एक ही होता है,यानी बच्चों के अधिकारों के रक्षा करना और उन्हें बुनायदी सुविधाएं मुहैया करवाना। संयुक्त सेक्रेटरी मयंक पोखरियाल ने कहा कि हम में से कई लोग सोचते हैं कि बाल दिवस को इतने उत्साह या बड़े स्तर पर मनाने की क्या जरुरत है परन्तु इस बात का अपना ही महत्व है। राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण समिति ट्रस्ट की राष्ट्रीय सचिव रेखा नेगी ने कहा कि बाल दिवस कोई साधारण दिन नही है, यह हमारे देश के भावी पीढ़ी के अधिकारों का ज्ञान देने के लिए निर्धारित किया हुआ एक विशेष दिन है। भारत जैसे विकासशील देश में इसका महत्व और भी बढ़ जाता है क्योंकि उभरती हुई अर्थव्यवस्था होने के कारण यहां बाल मजदूरी और बाल अधिकारों के शोषण की नित्य ही कोई ना कोई घटना सुनने को मिलती है। इसलिए यह काफी जरूरी है कि हम ना सिर्फ बच्चों बल्कि उनके अभिभावकों को भी बच्चों के मौलिक अधिकारों के विषय में पूर्ण जानकारी दे और उन्हें इस विषय में अधिक से अधिक जागरूक करने का प्रयास करें। कोषाध्यक्ष सुनील बत्रा ने कहा कि बाल दिवस कोई साधारण दिन नही है, यह हमारे देश के भावी पीढ़ी के अधिकारों का ज्ञान देने के लिए निर्धारित किया हुआ एक विशेष दिन है। वेबिनार में विभिन्न प्रान्तों से सोसाइटी के सदस्य जुड़े जिसमे जगदीश लाल पाहवा,सर्वेश कुमार गुप्ता,हेमंत सिंह नेगी,सुनील त्रिपाठी,डॉ महेंद्र आहूजा,शहनवाज खा,राजीव राय,सुरेश चन्द्र गुप्ता,नीलम रावत,विनोद कुमार मित्तल,डॉक्टर अरुणपाठक,एडवोकेट प्रशांत राजपूत, नरेश मोहन,डॉ पवन सिंह,विश्वास सक्सेना,अन्नपूर्णा बंधुनी,अविनाश चंद्र,अशोक राघव, विमल कुमार गर्ग,नूपुर पाल,नीलम रावत, साधना रावत,प्रीति जोशी,डॉ मनीषा दीक्षित एवं अन्य महानुभाव उपस्थित रहे
हर किसी को बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिये