हरिद्वार। भूपतवाला स्थित श्री शिवानंद धाम आश्रम में त्याग मूर्ति स्वामी 1008 श्री शिवानंद जी महाराज की 19वीं पुण्यतिथि बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर बोलते हुए महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद महाराज ने कहा शिवानंद आश्रम के ब्रह्मलीन परमाध्यक्ष ज्ञान और त्याग की एक अखंड ज्योति थे। उन्होंने अपने विरक्त सन्यास जीवन में समाज में धर्म के प्रति एक ज्ञान की क्रांति उत्पन्न की। उन्होंने सनातन परंपरा को आगे बढ़ने का कार्य किया। इस अवसर पर बोलते हुए आश्रम के श्रीमहंत स्वामी नरेशानंद महाराज ने कहा पूज्य गुरुदेव ज्ञान की एक विशाल गंगा थे उनके ज्ञान रूपी गंगा में स्नान करने के बाद भक्त अपने जीवन को धन्य और कृतार्थ करते थे। गुरुदेव का तपोबल आज भी आश्रम में विद्यमान है सभी भक्तजनों पर उनकी अपार कृपा बनी हुई है। गंगा भक्ति आश्रम के परमाध्यक्ष श्री महंत स्वामी कमलेश स्वरूप सरस्वती ने कहा स्वामी शिवानंद जी महाराज ने भक्तजनों को कल्याण का मार्ग दिखाने के साथ-साथ उन्हें उनका लोक और परलोक सुधारने का भक्ति का मार्ग दिखाए। स्वामी शिवानंद जी महाराज ज्ञान और त्याग की एक अखंड मूर्ति थे। इस अवसर पर महामंडलेश्वर चिद विलाशानंद महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज, महंत हरिहरानंद महाराज, महंत नारायण दास पटवारी,महंत सूरज दास, महंत सत्यव्रतानंद जी महंत कैलाशानंद महाराज, महंत दुर्गादास महाराज, बड़ा अखाड़े के सचिव गोविंद दास महाराज, महंत नरेशानंद महाराज, पंजाबी बाबा स्वामी कृष्ण देव महाराज, केशवानंद महाराज रामानंद महाराज, रामदास महाराज, गगन देव महाराज, वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण महाराज सहित भारी संख्या में संत महंत भक्तगण उपस्थित थे।
शिवानंद जी महाराज की 19वीं पुण्यतिथि बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मनाई
हरिद्वार। भूपतवाला स्थित श्री शिवानंद धाम आश्रम में त्याग मूर्ति स्वामी 1008 श्री शिवानंद जी महाराज की 19वीं पुण्यतिथि बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर बोलते हुए महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद महाराज ने कहा शिवानंद आश्रम के ब्रह्मलीन परमाध्यक्ष ज्ञान और त्याग की एक अखंड ज्योति थे। उन्होंने अपने विरक्त सन्यास जीवन में समाज में धर्म के प्रति एक ज्ञान की क्रांति उत्पन्न की। उन्होंने सनातन परंपरा को आगे बढ़ने का कार्य किया। इस अवसर पर बोलते हुए आश्रम के श्रीमहंत स्वामी नरेशानंद महाराज ने कहा पूज्य गुरुदेव ज्ञान की एक विशाल गंगा थे उनके ज्ञान रूपी गंगा में स्नान करने के बाद भक्त अपने जीवन को धन्य और कृतार्थ करते थे। गुरुदेव का तपोबल आज भी आश्रम में विद्यमान है सभी भक्तजनों पर उनकी अपार कृपा बनी हुई है। गंगा भक्ति आश्रम के परमाध्यक्ष श्री महंत स्वामी कमलेश स्वरूप सरस्वती ने कहा स्वामी शिवानंद जी महाराज ने भक्तजनों को कल्याण का मार्ग दिखाने के साथ-साथ उन्हें उनका लोक और परलोक सुधारने का भक्ति का मार्ग दिखाए। स्वामी शिवानंद जी महाराज ज्ञान और त्याग की एक अखंड मूर्ति थे। इस अवसर पर महामंडलेश्वर चिद विलाशानंद महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद महाराज, महंत हरिहरानंद महाराज, महंत नारायण दास पटवारी,महंत सूरज दास, महंत सत्यव्रतानंद जी महंत कैलाशानंद महाराज, महंत दुर्गादास महाराज, बड़ा अखाड़े के सचिव गोविंद दास महाराज, महंत नरेशानंद महाराज, पंजाबी बाबा स्वामी कृष्ण देव महाराज, केशवानंद महाराज रामानंद महाराज, रामदास महाराज, गगन देव महाराज, वरिष्ठ कोतवाल कालीचरण महाराज सहित भारी संख्या में संत महंत भक्तगण उपस्थित थे।