ऋषि मुनियों की देन है मर्म चिकित्सा-डा.सुनील जोशी
हरिद्वार। हरिद्वार नजीबाबाद हाईवे स्थित स्थित ग्राम नौरंगाबाद नंदीपुरम में मृत्युंजय मिशन के तत्वावधान में मर्म चिकित्सक एवं उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा.सुनील जोशी के सानिध्य में देश-विदेश से आए चिकित्सकांे,योग प्रशिक्षको के पांच दिवसीय मर्म चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। इस अवसर पर डा.सुनील जोशी ने कहा कि मर्म चिकित्सा ऋषि मुनियों की देन और आयुर्वेद का एक अंग है। उन्होंने कहा कि ऋषि मुनियों द्वारा प्रतिपादित मर्म चिकित्सा निःशुल्क, दुष्प्रभाव रहित, तुरंत असरकारक, सर्व सुलभ और भारत की आदि चिकित्सा पद्धतियों में से एक है। बहुत समय से विलुप्त हो गई इस वैदिक चिकित्सा पद्धति का पुनर्जागरण करने का कार्य किया जा रहा है। प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ करते हुए प्रसिद्ध शिक्षाविद, पर्यावरणविद् डा.बीडी जोशी ने कहा कि मृत्युंजय मिशन वैदिक चिकित्सा पद्धति मर्म चिकित्सा को पुनर्जीवित करने का काम कर रहा है। जिसके परिणाम भी देखने में आ रहे हैं। एलोपैथिक चिकित्सक भी मर्म चिकित्सा पद्धति का उपयोग एवं प्रशिक्षण ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश और विदेश में मर्म चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए डा.सुनील जोशी बधाई के पात्र हैं। समाजसेवी डा.योगेश पांडे ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि आयुर्वेद वैदिक विधा है। दूरस्थ क्षेत्रों में जहां एलोपैथी और आयुर्वेदिक चिकित्सा सुलभ नहीं है। वहां आम लोग भी मर्म चिकित्सा का प्रशिक्षण लेकर इसका उपयोग मानव सेवा एवं इलाज के लिए कर सकते हैं। मयंक जोशी के संयोजन एवं समाजसेवी प्रकाश जोशी के संचालन में आयोजित उद्घाटन सत्र मे विपिन चौधरी,शत्रुघ्न डबराल, विवेक चौधरी,श्याम सैनी आदि प्रतिभागियों को मर्म चिकित्सा का प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं। प्रशिक्षण शिविर का समापन समारोह 24 दिसंबर को होगा।