मानवधिकार दिवस पर संगोष्ठी में मानव अधिकार के लिए कार्य करने वालों को किया सम्मानित

 


हरिद्वार। राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण समिति ट्रस्ट द्वारा महात्मा नारायण स्वामी सभागार, आर्य वानप्रस्थ आश्रम ज्वालापुर में विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो महावीर अग्रवाल,प्रति कुलपति, पतंजलि विश्वविद्यालय ने कहा कि भारतवर्ष में वैदिक परंपरा में 5 मूलभूत अधिकार बताए गए है। शिक्षा,स्वास्थ्य, न्याय,सुरक्षा,भोजन व आवास आज के समय में मानव अधिकार एक ऐसी सुविधा है,जिसके बिना हमारा जीवन काफी भयावह और दयनीय हो जायेगा क्योंकि बिना मानव अधिकारों के हम पर तमाम तरह के अत्याचार किये जा सकते है और बिना किसी भय के हमारा शोषण किया जा सकता है। समिति के अध्यक्ष ई० मधुसूदन अग्रवाल ‘आर्य‘ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मानवाधिकार वे विशेषाधिकार हैं जो प्रत्येक व्यक्ति को उसके सामान्य दैनिक जीवन के हिस्से के रूप में प्रदान किए गए हैं। आम लोगों को अपने मौलिक अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए। संस्कृति, रंगभेद, धर्म या किसी भी तरह के आधार पर किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में आचार्य डॉ रामकृष्ण शास्त्री, प्रधान, आर्य वानप्रस्थ आश्रम ज्वालापुर ने कहा कि मानवाधिकार के अधिकार हैं जो कि इस पृथ्वी पर हर व्यक्ति केवल एक इंसान होने के कारण ही प्राप्त हुए हैं। ये अधिकार विश्वव्यापी हैं और वैश्विक कानूनों द्वारा संरक्षित हैं। अति विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा ने कहा कि मानवाधिकार,व्यक्तियों को दिए गए मूल अधिकार हैं,जो लगभग हर जगह समान हैं। प्रत्येक देश किसी व्यक्ति की जाति, पंथ,रंग ,लिंग ,संस्कृति और आर्थिक या सामाजिक स्थिति को नजरंदाज कर इन अधिकारों को प्रदान करता है। लोगों को मानवाधिकारों के किसी भी उल्लंघन के खिलाफ खुद आवाज उठाने की जरूरत है। डॉ विशाल गर्ग ने कहा कि राष्ट्रीय मानव अधिकार संरक्षण समिति ट्रस्ट कई वर्षो से कार्यक्रम करती आ रही है इसके लिए मधुसूदन आर्य बधाई के पत्र है। उन्होने कहा कि सामान्य जीवन यापन के लिए प्रत्येक मनुष्य के अपने परिवार,कार्य, सरकार और समाज पर कुछ अधिकार होते हैं, जो आपसी समझ और नियमों द्वारा निर्धारित होते हैं। इसी के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसंबर 1948 को सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणापत्र को आधिकारिक मान्यता दी गई,जिसमें भारतीय संविधान द्वारा प्रत्येक मनुष्य को कुछ विशेष अधिकार दिए गए हैं। अतः प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। मनोज गौतम,अध्यक्ष,इंडस्ट्रियल एसोसिएशन,सिडकुल हरिद्वार ने कहा कि इसका मुख्य ध्यान मौलिक अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना और किसी भी इंसान को दिए गए अधिकारों के बारे में अवगत कराना भी हैं। इस अवसर पर बेदाग केसरी के संपादक डॉ यतेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि इस दुनिया में सभी लोग अधिकारों के मामले में बराबर हैं। कोई भी व्यक्ति किसी भी हाल में किसी पर दासता नहीं जा सकता है। कार्यक्रम में मानवाधिकार कार्य के क्षेत्र में कार्य करने वालों व पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पूनम गुप्ता, कंचन प्रभा गौतम,अरुण कुमार पाठक,प्रेमशंकर शर्मा,ईशांत शर्मा,नरेश रानी गर्ग,डॉ पवन सिंह, नानक चन्द्र अग्रवाल,हेमंत सिंह नेगी,रेखा नेगी,नूपुर पाल,चौधरी चरण सिंह,मयंक पोखरियाल ,कुसुम गर्ग,मंगेश शर्मा,शशी शर्मा,शशि वर्मा,प्रेमलता श्रीवास्तव,शोभा शर्मा,शोभा वर्मा,गीता अग्रवाल,गीता अग्रवाल,दीपा शर्मा,रेणु आर्य,आर के आर्य,सरस्वती जोशी,अरुण कौशिक, संजय, सूरज,सुनील शर्मा सामी,अनूप,प्रभाकर,हार्दिक,बंटी,कुल्भुशन शर्मा,जीविका नेगी,विकास कुमार, जैन,निधि जैन,लता सैनी,उमेद सिंह,जगदीप शर्मा,डॉ.अश्वनी चौहान, ब्रजमुनि, डॉ पवन,डॉ राज पल्लवी पांडे,सुबोध मुनि,अंकुर गोयल, एस.एस.राणा,डॉ अशोक गिरि,सपना वर्मा,सुमन,अनुकृति, दयाशंकर,गुप्ता,अर्चना सक्सेना,प्रो.मनुदेव बंधु आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन विश्वास सक्सेना ने किया।