उत्सव में विजयी विद्यार्थियों को किया गया सम्मानित
हरिद्वार।गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में चल रहे तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कला उत्सव 2023-24 का आज समापन हो गया। हरिद्वार,देहरादून सहित उत्तराखण्ड के सभी तेरह जिलों के चयनित कक्षा 9 से 12 तक के 248 विद्यार्थियों ने दस विधाओं में अपना हुनर दिखाया। समापन सत्र में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विजयी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। ये विजयी विद्यार्थी आगामी जनवरी माह में होने वाले राष्ट्रीय कला उत्सव में उत्तराखण्ड का प्रतिनिधित्व करेंगे।तीन दिन चले इस उत्सव में अल्मोडा के 17,बागेश्वर के 19, चमोली के 21, चंपावत के 17,देहरादून के 20,हरिद्वार के 23,नैनीताल के 16, पौड़ी गढ़वाल के 23, पिथौरागढ़ के 21,रुद्रप्रयाग के 11,टिहरी गढ़वाल के 17,ऊधमसिंह नगर के 21 और उत्तरकाशी के 22 छात्र-छात्राओं ने शास्त्रीय संगीत (गायन), पारंपरिक लोकगीत (गायन), वादन, शास्त्रीय नृत्य, लोकनृत्य, एकल अभिनय,दृश्य कला (द्विआयामी), दृश्य कला (त्रिआयामी) और स्थानीय खिलौने एवं खेल की श्रेणाी में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।इसमें गीतांजलि जोशी-अल्मोड़ा, वंदना कौशल-बागेश्वर,दिव्यांशु-चमोली,धु्रव वर्मा-देहरादून,जयेन्द्र-हरिद्वार,आरोही पंत-नैनीताल, प्रखर जोशी-नैनीताल,भावेश पाण्डेय-नैनीताल,चांदनी-पौड़ी गढ़वाल,हेमा चक्रवर्ती-पौड़ी गढ़वाल, पवन कुमार-ऊधमसिंह नगर आदि ने अपनी अपनी विधा में सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अव्वल रहे,तो वहीं खुशी हातेली,अर्जुन,मनीषा भट्ट,आदित्य गिरि,सुमित बिष्ट,समीर तिवारी, प्रियल जोशी, योगेश्वरी, दिव्यांशु त्रिपाठी,आंचल,अमित सैनी आदि को द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ। कई प्रतियोगिता में विद्यार्थियों के बीच काँटे की टक्कर रही और निर्णायकों को काफी मेहनत करनी पड़ी। उत्सव में नैनीताल की सेंट थेरेसा काठगोदाम हल्द्वानी की कु. दीपिका काण्डपाल ने कर्नाटक की नृत्य प्रस्तुति यक्षगान से सभी को रोमांचित किया। दिव्यांशु त्रिपाठी ने तबला वादन एवं प्रखर जोशी ने बांसुरी में राग पुरिया में एक ताल एवं तीन ताल में गत प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। हर्षिता जोशी ने शास्त्रीय गायन, सुयश सति-कुमांऊनी लोकगीत, भावेश पाण्डेय-शास्त्रीय गायन, अवनि धपोला- कत्थक नृत्य आदि की प्रस्तुती ने खूब तालियाँ बटोरी।सहायक राज्य परियोजना निदेशक उत्तराखण्ड प्रद्मुम्न रावत ने बताया कि समग्र शिक्षा के अंतर्गत राज्य स्तरीय कला उत्सव 2023-24 का आयोजन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य उत्तराखण्ड के विद्यार्थियों में लोक उत्सवों के प्रति रुझान पैदा करना एवं उसका संवर्द्धन करना है। समापन अवसर पर राज्य भर से आये छात्र-छात्राओं के अलावा अध्यापक, आध्यापिकाएँ एवं अभिभावक गण मौजूद रहें।