हरिओम सरस्वती पीजी कॉलेज की ओर से आयोजित की जाएगी कार्यशाला
हरिद्वार। उत्तराखंड के मैदानी जिले हरिद्वार में पहाड़ की संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। हरिद्वार के देहात क्षेत्र की छात्राओं को गढ़वाली और कुमाऊनी नृत्य का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए हरिओम सरस्वती पीजी कॉलेज धनौरी की ओर से जनवरी में विशेष कार्यशाला आयोजित की जाएगी। राज्य सरकार से सहायता प्राप्त हरिओम सरस्वती पीजी कॉलेज की ओर से उत्तराखंड की पर्वतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार की योजना बनाई गई है। महाविद्यालय की ओर से छात्र-छात्राओं को गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति से ओतप्रोत नृत्य का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए महाविद्यालय की सांस्कृतिक समिति की ओर से कार्ययोजना तैयार की गई है। सांस्कृतिक समिति की प्रभारी डॉ.ज्योति जोशी ने बताया कि महाविद्यालय में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अभी तक अन्य राज्यों की संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते थे। लेकिन अब महाविद्यालय की ओर से छात्राओं को गढ़वाली और कुमाऊनी संस्कृति से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि छात्र-छात्राओं को यह प्रशिक्षण बिल्कुल निशुल्क दिया जाएगा। इसके लिए छात्राओं को किसी प्रकार की फीस नहीं देनी होगी। साथ ही कॉलेज में पढ़ाई भी प्रभावित न हो। इसलिए प्रशिक्षण की योजना ऐसे समय तैयार की गई है। जब छात्राओं के पास खाली समय हो। उन्होंने बताया कि गढ़वाली और कुमांऊनी पोशाक भी तैयार कराई जा रही है। इन पोशाक के लिए भी छात्राओं से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। प्रबन्ध समिति की अध्यक्ष सुमन देवी ने बताया कि उत्तराखंड पर्वतीय प्रदेश है। पर्वतीय संस्कृति इस प्रदेश की पहचान है। प्रदेश की पहचान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाया गया है।