हरिद्वार। भूपतवाला स्थित श्री सीताराम संत कुटीर में संत समागम में बोलते हुए आश्रम के महंत सीताराम दास जी अयोध्या वालो ने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा गुरु की महिमा बड़ी ही अपरंपार होती है। गुरु अपने भक्तों को अपने ज्ञान के माध्यम से उंगली पड़कर भवसागर पार कर देते हैं। भगवान राम तक पहुंचाने का सही मार्ग दिखा देते हैं ऐसे ही परम विभूति परम विद्वान संत थे। गुरुदेव महंत जनार्दन दास जी महाराज उन्होंने भक्ति और सत्य के मार्ग पर चलते हुए भक्तों को कल्याण का मार्ग दिखाया। सनातन परंपरा को और अधिक आगे ले जाने का कार्य किया। इस अवसर पर बोलते हुए पूज्य राघवदास शास्त्री ने कहा धर्म कर्म पूजा पाठ धार्मिक अनुष्ठान मनुष्य को सीधा ईश्वर से जोड़ते हैं। धर्म कर्म और यथाशक्ति दान मनुष्य को कल्याण की ओर ले जाता हैै। अगर आपने अपने हाथों से किसी को दान किया कोई अच्छा परोपकारी कार्य किया तो वह जन्मोजन्म तक आपके साथ चलता है उसका फल आपको सुख शांति समृद्धि के साथ-साथ योग्य शिक्षा अच्छे संस्कारों की प्राप्ति के रूप में प्राप्त होता है। साथ ही मनुष्य को दान धर्म कर्म के कार्य यज्ञ अनुष्ठान कल्याण और सद्गति की ओर ले जाते हैं। इस अवसर पर महंत जांगीर दास,कोतवाल रामदास कोतवाल धर्मदास जी,श्री प्रभुदास,राघव दास शास्त्री महंत साध्वी रंजना देवी,महंत राघव शरण महाराज श्यामदास महाराज परमेश्वर दास,शांति प्रकाश महाराज सीताराम दास महाराज कन्हैया दास महाराज महंत खजान दास महाराज सहित भारी संख्या में संत महंत भक्तगण उपस्थित थे इस अवसर पर एक विशाल भंडारे का भी आयोजन था जिसमें सभी संत भक्तगणों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया तथा महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त कर भक्तजनों ने अपने जीवन को धन्य और कृतार्थ किया।
धर्म कर्म और यथाशक्ति दान मनुष्य को कल्याण की ओर ले जाता है
हरिद्वार। भूपतवाला स्थित श्री सीताराम संत कुटीर में संत समागम में बोलते हुए आश्रम के महंत सीताराम दास जी अयोध्या वालो ने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा गुरु की महिमा बड़ी ही अपरंपार होती है। गुरु अपने भक्तों को अपने ज्ञान के माध्यम से उंगली पड़कर भवसागर पार कर देते हैं। भगवान राम तक पहुंचाने का सही मार्ग दिखा देते हैं ऐसे ही परम विभूति परम विद्वान संत थे। गुरुदेव महंत जनार्दन दास जी महाराज उन्होंने भक्ति और सत्य के मार्ग पर चलते हुए भक्तों को कल्याण का मार्ग दिखाया। सनातन परंपरा को और अधिक आगे ले जाने का कार्य किया। इस अवसर पर बोलते हुए पूज्य राघवदास शास्त्री ने कहा धर्म कर्म पूजा पाठ धार्मिक अनुष्ठान मनुष्य को सीधा ईश्वर से जोड़ते हैं। धर्म कर्म और यथाशक्ति दान मनुष्य को कल्याण की ओर ले जाता हैै। अगर आपने अपने हाथों से किसी को दान किया कोई अच्छा परोपकारी कार्य किया तो वह जन्मोजन्म तक आपके साथ चलता है उसका फल आपको सुख शांति समृद्धि के साथ-साथ योग्य शिक्षा अच्छे संस्कारों की प्राप्ति के रूप में प्राप्त होता है। साथ ही मनुष्य को दान धर्म कर्म के कार्य यज्ञ अनुष्ठान कल्याण और सद्गति की ओर ले जाते हैं। इस अवसर पर महंत जांगीर दास,कोतवाल रामदास कोतवाल धर्मदास जी,श्री प्रभुदास,राघव दास शास्त्री महंत साध्वी रंजना देवी,महंत राघव शरण महाराज श्यामदास महाराज परमेश्वर दास,शांति प्रकाश महाराज सीताराम दास महाराज कन्हैया दास महाराज महंत खजान दास महाराज सहित भारी संख्या में संत महंत भक्तगण उपस्थित थे इस अवसर पर एक विशाल भंडारे का भी आयोजन था जिसमें सभी संत भक्तगणों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया तथा महाराज जी से आशीर्वाद प्राप्त कर भक्तजनों ने अपने जीवन को धन्य और कृतार्थ किया।