छात्रों के हितों को लेकर सरकार और शासन प्राथमिकता के आधार पर कार्य कर रहे -यादव
हरिद्वार। संस्कृत शिक्षा सचिव चंद्रेश यादव ने कहा कि उत्तराखंड संस्कृत विवि में बालक छात्रावास की भांति ही बालिका छात्रावास का भी निर्माण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विवि प्रशासन बालिका छात्रावास के निर्माण के लिए शासन को जल्द प्रस्ताव भेजे,ताकि तेजी से छात्रावास का निर्माण कराया जा सके। उत्तराखंड संस्कृत विवि में आयोजित तीन दिवसीय अंतर महाविद्यालय खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए मुख्य अतिथि चंद्रेश यादव ने कहा कि विवि के छात्रों के हितों को लेकर सरकार और शासन प्राथमिकता के आधार पर कार्य कर रहे हैं। विवि प्रशासन छात्रों के हितों में जो भी कार्य करेंगा। उसको गंभीरता से आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी खेल प्रतियोगिता की रीढ़ की हड्डी उस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ी होते है। जहां खिलाड़ी अन्य खिलाड़ियों से मिलते है, जिससे उनका परिचय एक दूसरे से होता है और एक सशक्त समाज का निर्माण होता है। जब यह खिलाड़ी अपने-अपने गंतव्यों की ओर रवाना होते है, तब यह प्रतिभागी इन यादगार पलों को साथ ले कर जाते है। विवि के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री ने कहा कि किसी भी प्रतियोगी के लिए पुरस्कार जितना बड़ी बात नहीं है, बड़ी बात खिलाड़ी का खेल प्रतियोगिता में भाग लेना है। आज भारत में खेलों के प्रति एक अलग ही माहौल बन रहा है। छोटे छोटे कस्बों और गांवों के खिलाड़ी देश का नाम रोशन कर रहे है। उत्तराखंड से भी कई खिलाड़ियों ने विभिन्न राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेकर राज्य और देश का नाम रोशन किया है। विवि के कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी ने अतिथियों को आभार प्रकट किया। संचालन कार्यक्रम संयोजक डा.लक्ष्मी नारायण जोशी ने किया। इससे पूर्व विवि के कुलपति प्रो.दिनेश चंद्र शास्त्री,कुलसचिव गिरीश कुमार अवस्थी,वित्त नियंत्रक लखेंद्र गौथियाल आदि ने संस्कृत शिक्षा सचिव चंद्रेश यादव को स्मृति चिन्ह् देखकर सम्मानित किया। इस अवसर पर संस्कृत अकादमी के सचिव एसपी खाली,डिप्टी रजिस्ट्रार दिनेश कुमार,डा.विनय सेठी,डा.अरविंद्र नारायण मिश्र,डा.हरीश चंद्र तिवाडी,डा.अरुण मिश्र,डा.राम खंडेलवाल,सुभाष पोखरियाल, चंद्रशेखर शमार्,विवि के शिक्षक, कर्मचारी और छात्र-छात्राए मौजूद रहे।