स्वस्थ-भारत व स्वस्थ विश्व के संकल्प के साथ मनाया गया 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

 स्वस्थ तन, स्वस्थ मन, स्वस्थ चिन्तन एवं स्वस्थ जीवन का आधार है योग-स्वामी रामदेव


हरिद्वार। योगगुरू स्वामी रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण के निर्देशन में पतंजलि वैलनेस,पतंजलि योगपीठ-2 स्थित योगभवन सभागार में 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ‘स्वयं और समाज के साथ यूनिवर्स के लिए योग’ विषय के साथ मनाया गया। इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने कहा कि योग व योगमूलक इंटीग्रेटिड ट्रीटमेंट सिस्टम से साध्य-असाध्य रोगों को रिवर्स किया जा सकता है। योगा फॉर सेल्फ व सोसाइटी ही नहीं,योगा फॉर यूनिवर्स अर्थात युग के लिए योग है। पूरे विश्व का मॉडर्न मेडिकल सिस्टम व संसार की सरकारें जो नहीं कर पायी। वो सनातन धर्म मूलक योग से एक संन्यासी ने पतंजलि के माध्यम से करके दिखा दिया है। योग व योगमूलक इंटीग्रेटिड ट्रीटमेंट सिस्टम से असाध्य माने जाने वाले लिवर, किडनी,लंग्स,हार्ट आदि के रोगों को भी रिवर्स किया जा सकता है अर्थात रोगों को जड़ से खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि योग, प्राणायाम,सहज योग, एडवांस योग ,योगा इन डेली लाइफ के साथ जीवन को सार्थक बनाएँ। योग हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा और जीवन की सभी समास्याओं का समाधान है। योग आत्मानुशासन,आत्मदर्शन,आत्म उपचार तथा आत्म साक्षात्कार है। उद्योग,जीवन और जगत की सभी समस्याओं का समाधान योग में निहित है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में वैचारिक, राजनैतिक,आर्थिक संघर्ष व चुनौतियों का समाधान भी योगयुक्त जीवन ही है। यहाँ आज रीयल वर्ल्ड एविडेंस के रूप में सैकड़ों लोग उपस्थित हैं। जिन्हें कैंसर,लीवर सिरोसिस,हेपेटाइटिस,इंफर्टिलिटी,हार्ट ब्लॉकेज आदि असाध्य रोगों में लाभ मिला है। योगाभ्यास मात्र शारीरिक व्यायाम या आसन, प्राणायाम की विधियाँ मात्र नहीं है। अपितु जीवन दर्शन है। जिससे तन,मन,जीवन व जगत की सभी समस्याओं का समाधान संभव है। बदलते प्रदूषित पर्यावरण,दोषपूर्ण जीवनशैली,खानपान व तनाव से उपजे सभी लाईफ स्टाईल डिसऑर्डर बी.पी.,शुगर,मोटापा,अवसाद व क्षीण होती जीवनीय शक्ति का समग्र व स्थाई समाधान योग,आयुर्वेद व निसर्ग में ही सन्निहित है। योग से लाखों-करोड़ों लोग व्यसन मुक्त हुए हैं और उन्होंने योग से ही कम्प्लीट एसप्रेशन,कम्प्लीट बैलेंस,कम्प्लीट रीजुविनेशन,कम्प्लीट डिवाइन ट्रांसफोर्मेशन और डिवाइन लाइफ (दिव्य जीवन) को पाया है। विभिन्न शोध से यह प्रमाणित हुआ है कि योग स्वस्थ तन,स्वस्थ मन,स्वस्थ चिन्तन एवं स्वस्थ जीवन का आधार है। स्वामी रामदेव महाराज ने सभी योग साधकों का आह्वान करते हुए कहा कि मात्र एक दिन के लिए ही नहीं अपितु 365दिन के लिए नियमित योग का संकल्प लें। आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि योग पूरे विश्व के लिए भारत का सर्वश्रेष्ठ वरदान है। उन्होंने कहा कि योग जीने और  जीवन परिवर्तन की विधा है। हजारों भाई-बहनों ने क्लिनिकल ट्रायल में यह साबित किया है कि योग से असाध्य रोगों पर विजय पाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि दुनिया में रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, इसका एकमात्र समाधान योग में निहित है। इस अवसर पर स्वामी रामदेव ने यौगिक जॉगिंग,सूर्य नमस्कार के साथ अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका,भ्रामरी,कपालभाति,भुजंगासन,वृक्षासन,ताड़ासन,मंडुकासन, शलभासन, गौमुखासन,वज्रासन,ध्यान आदि का अभ्यास कराया। कार्यक्रम में पतंजलि योग समिति हरिद्वार व रुड़की के तत्वावधान में आसपास के लगभग 200 गावों के लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम में पतंजलि महिला योग समिति की मुख्य केन्द्रीय प्रभारी साध्वी देवप्रिया,मुख्य केन्द्रीय प्रभारी राकेश‘भारत’ व स्वामी परमार्थदेव,क्रय समिति अध्यक्षा बहन अंशुल,संप्रेषण विभाग प्रमुख बहन पारूल ,पीआरआई के प्रमुख वैज्ञानिक डा.अनुराग वार्ष्णेय,मुख्य महाप्रबंधक (ट्रस्ट) ब्रिगेडियर टी.सी.मल्होत्रा,मानव संसाधन प्रमुख तरूण राजपूत,पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य प्रो.अनिल यादव,पतंजलि आयुर्वेद हॉस्पिटल के उपाधीक्षक डा.अरूण पाण्डेय,स्वामी बजरंगदेव, स्वामी आर्षदेव,स्वामी ईशदेव सहित पंतजलि योगपीठ से सम्बद्ध समस्त इकाईयों के प्रमुख, अधिकारी,कर्मचारी व पतंजलि संन्यासाश्रम के सभी संन्यासी व संन्यासिनी उपस्थित रहे।