हरिद्वार। सामाजिक सेना के प्रमुख स्वामी विनोद महाराज के गुरू ब्रह्मलीन स्वामी परमानन्द उदासीन महाराज की 13वीं पुण्यतिथी पर सभी 13अखाड़ों के संत महापुरूषों ने उनका भावपूर्ण स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। जगजीतपुर स्थित आश्रम में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह के दौरान भजन संध्या का आयोजन भी किया गया। श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए श्रीमहंत विष्णुदास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी परमानन्द उदासीन महाराज संत समाज की दिव्य विभूति थे। भक्तों को धर्म और अध्यात्म की प्रेरणा देने के साथ गंगा स्वच्छता के लिए उनका योगदान सदैव सभी को प्रेरणा देता रहेगा। कारोबारी महंत गोविंददास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत स्वामी परमानन्द उदासीन महाराज उच्च कोटि के संत थे। धर्म शास्त्रों का उनका ज्ञान विलक्षण था। सदैव भक्तों और समाज के कल्याण के लिए प्रत्यनशील रहने वाले ब्रह्मलीन स्वामी परमानन्द उदासीन महाराज के त्यागपूर्ण जीवन से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। महंत विनोद महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गुरू परमात्मा का ही स्वरूप हैं। त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन स्वामी परमानन्द उदासीन महाराज से प्राप्त शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए उनके अधूरे कार्यो को आगे बढ़ाना तथा मानव सेवा में योगदान करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। इस अवसर पर स्वामी कल्याणानंद,स्वामी सत्यव्रतानंद,महंत दुर्गादास, महंत विष्णुदास,महंत प्रह्लाद दास,महंत सूरज दास,महंत जयराम दास,महंत गणेश दास,महंत प्रेमदास,महंत प्रमोद दास,महंत राजेंद्रदास,महंत जमनादास,महंत देवानंद,स्वामी कल्याणदेव, महंत पूर्णानंद,स्वामी हरिहरानंद,स्वामी दिनेश दास,महंत दयामूर्त्यानंद,जगदीश महाराज,स्वामी नित्या नंद,स्वामी रविदेव शास्त्री सहित बड़ी संख्या में संत महंत एवं श्रद्धालु मौजूद रहे।