उपचुनाव में कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन ने हासिल की जीत,भाजपा प्रत्याशी दूसरे नम्बर पर

 पहले राउण्ड में बढ़त हासिल की वह आखिरी राउण्ड तक जारी रहा


हरिद्वार। तमाम कयासों को खारिज करते हुए उत्तराखंड की मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के प्रत्याशी को 449 मतों से पराजित कर दिया। पिछले चुनाव में जीत हासिल करने वाली बसपा प्रत्याशी तीसरे नम्बर पर रहे। रोशनाबाद स्थित जिला मुख्यालय में कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना हुई। 2022 विधानसभा चुनाव में यहां से बहुजन समाज पार्टी के सरवत करीम अंसारी काजी निजामुद्दीन से 529 मतों के अंतर से चुनाव जीते थे। उनके निधन से यह सीट खाली हुई थी। मंगलौर विधानसभा सीट पर विगत 10 जुलाई को मतदान हुआ था। इससे पहले शनिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रोशनाबाद में सुबह आठ बजे से शुरू हुई मतगणना के दौरान कांग्रेस भाजपा समर्थकों की धड़कनें कई बार घटी और बढ़ीं। पहले से लेकर छह राउंड में कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन ने बसपा और भाजपा प्रत्याशियों से लंबी बढ़त ले ली थी। कांग्रेस समर्थकों में जीत नजर आने लगी थी। क्योंकि पहले छह राउंड तक भाजपा प्रत्याशी करतार सिंह भड़ाना तीसरे नंबर पर चल रहे थे। लेकिन सातवे से लेकर नौवे राउण्ड में सातवें राउंड में भाजपा प्रत्याशी ने बढ़त बनाई और बसपा को पीछे कर दूसरे नंबर पर आ गए। आठवें और नौवें राउंड में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी की बढ़त को तेजी के साथ कम किया। तब ऐसा लगने लगा कि भाजपा इस बार मंगलौर विधानसभा का इतिहास बदल देगी। नौवें राउंड में कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन मात्र 93मतों के अंतर से आगे थे। इस पर कांग्रेस समर्थकों में मायूसी नजर आने लगी थी,कई तो मतगणना स्थल से वापस होने लगे थे। भाजपा समर्थकों में इस बात को लेकर उत्साह भर गया था कि दसवें राउंड में उनकी जीत होगी,पर दसवें राउंड में कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन 449मतों से विजयी हो गए। एक बात खास रही कि कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन जिन्होने मतगणना के पहले राउण्ड में बढ़त हासिल की वह आखिरी राउण्ड तक जारी रहा। यानि हर राउण्ड में कांग्रेस प्रत्याशी ने बढ़त हासिल की। बतातें चले कि उत्तराखंड के मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले कांग्रेस प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन तीन बार मंगलौर से विधायक बन चुके हैं। वह राजस्थान कांग्रेस के सह प्रभारी हैं। उनके पास संगठन में राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी है। उच्च शिक्षित काजी निजामुद्दीन के पिता काजी मोहयूद्दीन उत्तर प्रदेश में वन एवं उप कारागार मंत्री रहे हैं। उत्तराखंड बनने के बाद वह प्रदेश की विधानसभा के पहले प्रोटम स्पीकर रहे हैं। काजी निजामुद्दीन ने वर्ष 2002 में बसपा से मंगलौर सीट से पहला चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। 2007 के चुनाव में वह फिर से बसपा के बैनर तले चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की। इसके बाद उनको बसपा से निष्कासित कर दिया गया था।