श्रीमद््भागवत कथा के श्रवण से मिलता है पितरों को मोक्ष-स्वामी विशोकानंद भारती

 


हरिद्वार। महानिर्वाणी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा दरिद्रता को दूर करने का साधन है। जिसके श्रवण से पापों का नाश होता है और पितरों को मोक्ष मिलता है। ज्ञान ही परम पवित्र है जिसकी प्राप्ति सद्गुरु से होती है। क्योंकि गुरु ही अपने शिष्य को भगवान से मिलाने का काम करते हैं। राजा गार्डन स्थित श्रीहनुमान मंदिर सत्संग हॉल में श्रीगीता विज्ञान आश्रम ट्रस्ट द्वारा आयोजित भागवत कथा में श्रद्धालुओं को आशीर्वचन देते हुए स्वामी विशोकानंद भारती ने कहा कि गंगा तट और गौशाला में आयोजित सत्संग का पुण्यफल सौ गुना अधिक हो जाता है। स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती जैसे दिव्य संत के सानिध्य में गंगा स्नान,गौसेवा एवं सत्संग का लाभ एक साथ प्राप्त होना श्रद्धालु भक्तों के लिए बड़े सौभाग्य की बात है। कथाव्यास महामंडलेश्वर स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती महाराज ने श्रद्धालुओं को कथा श्रवण कराते हुए कहा कि भगवान सत्यनिष्ठा और सच्चे प्रेम से प्राप्त होते हैं। भगवान का भक्त के प्रति प्रेम ही था कि दुर्याेधन की माया त्याग कर विदुर का साग खाया,शबरी के बेर खाए और अर्जुन का रथ हांककर सिद्ध कर दिया कि वह सच्चे प्यार से ही प्रभावित होते हैं। राजा परीक्षित का वृतांत सुनाते हुए उन्होंने कहा कि जब उन्हें पता चला कि 7दिन में उनकी मृत्यु हो जाएगी तो उन्होंने श्रीमद् भागवत का श्रवण किया और मृत्यु के समय होने वाले कष्ट से मुक्त हो गए। मंत्रसृष्टि और मैथुनसृष्टि का वृतांत सुनाते हुए कथाव्यास ने कहा कि मनु और शतरूपा के बाद ही मैथुन सृष्टि का निर्माण हुआ। श्रोताओं को जीवनोपयोगी उपाय बताते हुए उन्होंने कहा कि सूर्य उपासना,योग क्रियाओं एवं प्राणायाम को दैनिक व्यवहार में सम्मिलित करने वाला सदैव स्वस्थ और चिरायु होता है। श्रद्धालुओं ने व्यासपीठ आरती पूजन कर कथाव्यास से आशीर्वाद लिया।