हरिद्वार। श्रीदक्षिण काली मंदिर प्रांगण में पूरे सावन माह चलने वाली निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज की शिव साधना निरंतर जारी है। साधना के दौरान स्वामी कैलाशानंद गिरी वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच विभिन्न प्रकार के पुष्पों से शिवलिंग का श्रंग्रार कर गंगाजल,पंचामृत सहित अनेक प्रकार के द्रव्यों से शिवलिंग पर लगभग 18घंटे निर्बाध जलाभिषेक करते हैं। प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त स्वामी कैलाशानंद गिरी की साधना के साक्षी बनते हैं। पूजा अर्चना के उपरांत श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि सावन में भगवान शिव माता पार्वती के साथ पृथ्वी लोक के भ्रमण पर निकलते हैं। इसलिए सावन में उनकी आराधना और पूजन का विशेष महत्व है। भगवान शिव को दीनानाथ भी कहा गया है। दीन दुखियों के दुख हरने वाले भगवान शिव भक्तों की पुकार पर दौडे चले आते हैं और सभी संकटों से रक्षा कर अभय प्रदान करते हैं। जलाभिषेक से ही प्रसन्न होने वाले भगवान शिव की कृपा से परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को सावन में शिव आराधना अवश्य करनी चाहिए। पूर्ण विधि विधान से की गयी आराधना से भक्त को शिव और शक्ति दोनों की कृपा व आशीर्वाद प्राप्त होता है। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के शिष्य स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि गुरूदेव की शिव साधना का समापन श्रावण पूर्णिमा को होगा।
भक्तों की पुकार पर दौड़े चले आते हैं भगवान शिव-स्वामी कैलाशानंद गिरी